Move to Jagran APP

World Heritage Day : डोगरों के संग्रहालय में पढ़िये स्कंद पुराण, देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया था आर्ट गैलरी का उद्घाटन

डोगरा आर्ट म्यूज्यिम डोगरा विरासत का एक ऐसा अनमोल संग्रहालय है जो पीढ़ी दर पीढ़ी अपने इतिहास का पाठ पढ़ाता रहेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 04:01 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 04:31 PM (IST)
World Heritage Day : डोगरों के संग्रहालय में पढ़िये स्कंद पुराण, देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया था आर्ट गैलरी का उद्घाटन
World Heritage Day : डोगरों के संग्रहालय में पढ़िये स्कंद पुराण, देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया था आर्ट गैलरी का उद्घाटन

जम्मू, [ अशोक शर्मा ]। डोगरा आर्ट म्यूज्यिम डोगरा विरासत का एक ऐसा अनमोल संग्रहालय है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी अपने इतिहास का पाठ पढ़ाता रहेगा। पूर्वजों की इस अनमोल धरोहर को जाे भी देखता है वह चकित होकर डोगरों की शान के कसीदे गढ़ने से नहीं चूकता है। इस म्यूज्यिम को बनाने का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि हम अपने पूर्वजों की अनमोल यादों को पीढ़ियों के बीच गुनगुना सके।

loksabha election banner

मुबारक मंडी स्थित जम्मू का डोगरा आर्ट म्यूजियम भी ऐसे ऐतिहासिक, पौराणिक, सांस्कृतिक महत्व के 7500 महत्वपूर्ण अॉब्जेक्ट हैं। लेकिन जगह की कमी के चलते मात्र 2500 के करीब अब्जेक्ट ही डिस्प्ले हो पाते हैं। डोगरा आर्ट म्यूजियम में जगह की कमी के कारण पांच हजार के करीब बस्तुओं को प्रदर्शित ही नहीं किया जा सकता। हालांकि संग्रहालय की कोशिश रहती है कि बीच-बीच में अब्जेक्ट बदले जाएं लेकिन इसका पर्यटकों या एक दो बार म्यूजियम देखने वालों को कोई लाभ नहीं होता।

डाॅ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था उद्घाटन

डोगरा आर्ट गैलरी का उद्घाटन देश के पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने 28 मई 1954 को गांधी भवन जम्मू में किया था। वहां से म्यूजियम को वर्ष 1991 में इसे अपग्रेड कर ऐतिहासिक मुबारक मंडी स्थित पिंक मार्बल हाल में शिफ्ट किया गया। जिसका उद्घाटन तत्कालीन राज्यपाल गिरिश चंद्र सक्सेना ने 25 जनवरी 1991 में किया। इस म्यूजियम का फाउंटेन हाल अपने आप में अकार्षित करने वाला है। डोगरा शासकों के समय बने इस हाल को वातानुकुलित हाल कहा जाता है। खूबी यह है कि पूरी इमारत में काेई एसी न होने के बावजूद ऐसा लगता कि किसी फुली ऐसी बिल्डिंग में प्रवेश कर लिया हो। सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडे रहने वाले इस मार्बल हाल को देख लोग यहां प्रदर्शित बस्तुओं के बजाए इसके वास्तु को देखकर चकित रह जाते हैं। 

म्यूजिम में चार चार गैलरिया हैं

सहायक निदेशक पुरातत्व, अभिलेखागार एवं डोगरा संग्रहालय डा. संगीता शर्मा जो म्यूजियम की इंजार्च हैं, ने बताया कि म्यूजिम में चार चार गैलरिया हैं। जिनमें पिंक हाॅल, मास्टर संसार चंद आर्ट गैलरी, मार्बल हाल, फाउंटेन हाल शामिल हैं। हमारे पास बसोहली लघु चित्रकला, जम्मू चित्रकला, कांगड़ा चित्रकला की संग्रहालय के पास बहुमूल्य 702 कलाकृतियां हैं, जिनमें से मात्र 50 कलाकृतियों को ही प्रदर्शित किया गया है। अगर जगह हो तो पांच हजार के करीब और कलाकृतियों भी प्रदर्शित किया जा सकता है। डोगरा आर्ट म्यूजियम में दुर्लभ पांडुलियों का शनदार संग्रह है। इसके अलावा शाहनामा, सिकंदरनामा, भोज पत्र, ताड़ पत्र, दुर्गा पूजा तोप, डोगरा आभूषण, अस्त्रशस्त्र, मुगलकालीन, कुशन काल के समय के प्राचीन सिक्के। डोगरा राजाअों महाराजा गुलाब सिंह, महाराजा रणवीर सिंह, महाराजा प्रताप सिंह, महाराजा हरि सिंह के पोटरेट इसके अलावा मार्डन आर्ट एवं कई महत्वपूर्ण चीजें डोगरा संग्रहालय को महत्वपूर्ण बनाती हैं।

जम्मू का डोगरा आर्ट म्यूजियम उपेक्षा का शिकार

म्यूजियम देखने पहुंचे राकेश अबरोल ने कहा कि डोगरा आर्ट म्यूजियम में गाइड तक नहीं है। अगर कोई म्यूजियम देखने आता है तो उसे कलाकृतियों के बारे में विवरण देने वाला तो कोई होना ही चाहिए। म्यूजियम किसी भी विरासत के पहचान होते हैं। लेकिन जम्मू का डोगरा आर्ट म्यूजियम उपेक्षा का शिकार है। पिछले कई वर्षो में उन्होंने इसमें कोई बदलाव नहीं देखा।

आर्ट म्यूजियम का प्रचार प्रसार नहीं होगा लोग कैसे पहुंचेगे

कलाकार रोहित वर्मा का कहना है कि जब तक डोगरा आर्ट म्यूजियम का प्रचार प्रसार नहीं होगा लोग वहां कैसे पहुंचेगे। अमर महल म्यूजियम में अगर सैकड़ों पर्यटक पहुंच सकते हैं, तो फिर डोगरा आर्ट म्यूजियम यहां हजारों अॉब्जेक्ट प्रदर्शित हैं, वहां लोग क्यों नहीं पहुंचते इस पर चिंतन करने की जरूरत है। जल्द डोगरा आर्ट म्यूजियम का विस्तार करने की जरूरत है। पिछले कई वर्षों से हाई कोर्ट काम्पलेक्स का जीर्णोद्धार हो चुका है और पूरी इमारत खाली पड़ी हैं। यहां अच्छा म्यूजियम बन जाए तो डोगरा विरासत को दुनिया भर में विशेष पहचान मिल सकती है।

डोगरा संग्रहालय का विस्तार जरूरी

डोगरा सदर सभा के अध्यक्ष गुलचैन सिंह चाढ़क ने कहा कि उनके संगठन के अलावा दूसरे कई सांस्कृतिक एवं साहित्यक संगठन मांग करते रहे हैं कि मुबारक मंडी स्थित हाई कोर्ट काम्पलेक्स, राजाओं के समय का आर्मी हेड क्वार्टर, जिसका जीर्णोद्धार हो चुका है। वहां डोगरा आर्ट म्यूजिक के संदूकों में बंद अॉब्जेक्ट प्रदर्शित किये जाने चाहिए। इससे वहां आने वाले पर्यटकों की संख्या तो बढ़ेगी ही डोगरा विरासत काे तरीके से प्रदर्शित भी किया जा सकेगा। डोगरा आर्ट म्यूजियम का विस्तार होने से तोषाखाना की सचिवायल के स्ट्रांग रूम में बंद पड़ी महत्वपूर्ण बस्तुओं को भी प्रदर्शित किया जा सकेगा। डाॅ. संगीत शर्मा ने कहा कि अगर जगह हो तो अलग-अलग सेक्शन बनाए जा सकते हैं। जगह की कमी है। इस मुद्दे को कई बैठकों में उठाया गया लेकिन इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हाे सका है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.