Jammu: कंपाने वाली सर्दी में सुबह सैर से करें परहेज, नाजुक दिल का भी रखें ख्याल
गांधीनगर में सुबह करीब साढ़े छह बजे से आठ बजे तक सौ के करीब लोग ही सैर को पहुंचे। वो भी जैकेटों व गर्म कपड़ों से लिपटे हुए।
जम्मू, जागरण संवाददाता। पौ फटने के साथ कोहरे और शीतलहर का बढ़ता प्रकोप ही है कि गर्मियों में सैर करने वालों से पटे रहने वाले शहर के पार्को में गिने-चुने लोग ही पहुंच रहे हैं। रविवार को छुट्टी का दिन होने के चलते फिर भी पिछले कुछ दिनों की तुलना में लोग सैर को निकले लेकिन समय कम ही दिया कि कहीं तंदुरुस्त बनने के बजाय बीमार न हो जाएं।
गांधीनगर में आरबीआइ के सामने, ग्रीन बेल्ट पार्क, छन्नी हिम्मत आदि पार्क अन्य दिनों की तुलना में सैर करने वालों को तरसते ही दिखे। गांधीनगर में सुबह करीब साढ़े छह बजे से आठ बजे तक सौ के करीब लोग ही सैर को पहुंचे। वो भी जैकेटों व गर्म कपड़ों से लिपटे हुए। जो बुजुर्ग सुबह इस पार्क से दिन की शुरुआत किया करते थे, वो पिछले कुछ दिनों से नहीं आ रहे। कोहरा जो छा रहा है।
चाय की चुसकियां: आरबीआइ पार्क से शिवाजी चौक तक पांच मिनट की सैर करते हुए चाय की चुसकियां लेने आने वाले बुजुर्ग अब नहीं आ रह रहे। यहीं चाय पीते और अखबार हाथ में लेकर खबरों पर चर्चा करते हुए आधा-पौन घंटा यहीं गुजार देते। जब से कोहरे और ठंड का प्रकोप बढ़ा है, बुजुर्ग घरों से नहीं निकल रहे। यह कहना है कि चाय बेचने वाले कुलदीप कुमार का। उसका कहना है कि सुबह 20-25 कप चाय सैर करने वाले ही पी लेते थे। इनमें बुजुर्ग अधिक थे। जब से कोहरा पड़ रहा है, बोहनी अच्छी नहीं हो रही।
कहीं सेहत न बिगाड़ दे मौसम: योग करवाने वाले दीपक मुगलानी का कहना है कि इस मौसम में कोहरा अपने साथ कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है। यह बच्चों, बुजुर्गो, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यून तंत्र वालों के लिए खासा परेशानी वाला होता है। सर्दियों में फ्लू, सांस की परेशानी, कानों में संक्रमण और पेट की समस्याएं खासतौर से तंग करने लगती हैं। यह मौसम डायबिटीज व ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भी मुश्किल होता है। हृदय रोगियों को इस मौसम में सावधानी चाहिए।
ठंड में नाजुक दिल का रखें ख्याल
इस माह भारी बर्फबारी और कई क्षेत्रों के शीतलहर में होने से लोगों की सेहत बिगड़ रही है। विशेषकर नाजुक दिल वाले लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। अस्पतालों में दिल के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में कई बार दिल धोखा दे जाता है, जिससे कई लोगों की हृदयाघात से मौत हो जाती है। ऐसे में सेहत को लेकर बिल्कुल लापरवाह नहीं होना चाहिए।
इस समय जम्मू का न्यूनतम तापमान सात से आठ डिग्री सेल्सियस है, जबकि श्रीनगर का न्यूनतम तापमान तीन से चार डिग्री सेल्सियस है। द्रास का न्यूनतम तापमान माइनस 21 से 22 डिग्री सेल्सियस है। पूरे जम्मू कश्मीर में तापमान कम है। सुबह के समय पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बर्फीली हवाएं चल रही हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल जम्मू और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दिल के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पीडि़तों में हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। उन्हें ठंड में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
ब्लड प्रेशर व कॉलेस्ट्राल बढऩे से होता है हृदय रोग : डॉ. सुशील
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. सुशील शर्मा का कहना है कि मौसम में बदलाव के साथ ही हृदय रोगियों में बढ़ोतरी हुई है। ठंड में ब्लड प्रेशर व कॉलेस्ट्राल स्तर बढऩे से हृदय रोग अधिक होता है। इससे कई बार क्लाट बन जाते हैं, जो हृदयाघात के कारण बनते हैं। ठंड के कारण धमनियां भी सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्त बहाव पर असर पड़ता है और दिल को ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। यह सभी हृदय रोगों का कारण हैं।
इस प्रकार बरतें सावधानी
- पहले से हृदय रोग से पीडि़त और उम्रदराज लोग सुबह के समय सैर करने और ठंडे पानी से नहाने से बचें।
- शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें। अचानक ठंड में एक्सपोज होने से भी हार्ट अटैक होता है।
- किसी काम से घर से बाहर निकलते समय पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढक कर रखें।
- समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करवाएं। नियमित रूप से व्यायाम करें।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में औसतन 70 से 80 मरीज जांच के लिए पहुंच रहे हैं। जीएमसी की इमरजेंसी में भी शाम से रात तक आठ से 10 हृदय रोगी पहुंच रहे हैं। यह मरीज सीने में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचते हैं। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का कार्डियक केयर यूनिट भी मरीजों से भरा हुआ है। इसी तरह आचार्य श्री चंद्र कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेस और श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में भी हृदय रोगियों की संख्या बढ़ी है। जम्मू से बाहर निजी अस्पतालों में भी कई मरीज इलाज के लिए जा रहे हैं।