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Jammu: उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जाट बिरादरी से करें न्याय, जाट नेताओं से बैठक कर ज्वलंत मसलों पर की चर्चा

विस्थापित परिवारों को अलाट की गई भूमि के मालिकाना अधिकार देने की मांग को भी बैठक में जोरशोर से उठाया गया। चौधरी मनमोहन सिंह ने जम्मू-कश्मीर सरकार से आग्रह किया कि बिरादरी के लंबित मसलों का शीघ्र समाधान करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 05:45 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 05:45 PM (IST)
Jammu: उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जाट बिरादरी से करें न्याय, जाट नेताओं से बैठक कर ज्वलंत मसलों पर की चर्चा
आल इंडिया जाट महासभा के राज्य प्रधान चौधरी मनमोहन सिंह कठुआ में बिरादरी नेताओं से भेंट करते हुए।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू-कश्मीर में रहने वाली जाट बिरादरी को ओबीसी का दर्जा देने के साथ उनके साथ न्याय करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने की मांग की गई। उपराज्यपाल से अाग्रह किया गया कि वह बिना देरी बिरादरी के ज्वलंत मसलों का समाधान करवाएं।

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सोमवार को कठुआ में आल इंडिया जाट महासभा के प्रधान चौधरी मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कठुआ तहसील के बिरादरी नेताओं के साथ ज्वलंत मसलों पर चर्चा की गई। इसमें देश के अन्य राज्यों की तरह जम्मू-कश्मीर में रहने वाले जाटों को ओबीसी का दर्जा देने, 1947, 1765 और 1971 के उन विस्थापित परिवारों को भी साढ़े पांच लाख रुपये की राहत राशि देने की मांग की गई जो दस्तावेज नहीं होने के कारण मुआवजे के इंतजार में हैं। बिरादरी नेताओं ने कहा कि बहुत से लोग अनपढ़ता व परेशानियों के कारण दस्तावेज खो बैठे हैं। उन्होंने कई बारिशें, बाढ़, प्राकृतिक आपदाएं झेली हैं।

कई परिवारों के अपने बच्चे नहीं हुए और उन्होंने बेटा या बेटी गोद लिए परंतु उनके पास कोई कानूनी दस्तावेज नहीं। पंच, सरपंचों, नेताओं के अलावा उनके पास कोई गवाह नहीं। विस्थापित परिवारों को अलाट की गई भूमि के मालिकाना अधिकार देने की मांग को भी बैठक में जोरशोर से उठाया गया। चौधरी मनमोहन सिंह ने जम्मू-कश्मीर सरकार से आग्रह किया कि बिरादरी के लंबित मसलों का शीघ्र समाधान करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाए। कमेटी मानवता के आधार पर ऐसे परिवारों के साथ न्याय करे जो आजादी के बाद से परेशान हैं।

उन्होंने कहा कि बिरादरी को बिना देरी ओबीसी का दर्जा दिया जाए ताकि उनके बच्चे भी भविष्य संवार सकें। जाटों के बच्चों के साथ न्याय हो। वे जमींदारी से जुड़ी बिरादरी के बच्चे हैं। उनके लिए आधुनिक स्कूलों में बच्चों से बराबरी करना मुश्किल है। न्याय में देरी ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय कमेटी पंद्रह दिन के समय में सुझाव व समाधान के साथ अपनी रिपोर्ट जमा कराए ताकि जनता को और परेशानी न झेलनी पड़े।

बैठक में उपप्रधान दीवान सिंह, तहसील प्रधान सतपाल, पंच सत पाल, विजय चौधरी, कैप्टन अजीत लाल, चौ. सुदेश कुमार, पवन कुमार, रतन लाल, तिलक राज लभा, हरबंस लाल, प्रताप सिंह, रौनक सिंह, राकेश दौड़, राकेश जाल, प्रकाश चंद आदि मौजूद थे।  


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