प्रभु को पाने के लिए बालक समान हो मन
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जागरण संवाददाता, जम्मू : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के तत्वावधान में जारी सात दिवसीय श्री राम कथामृत के दूसरे दिन श्री आशुतोष महाराज जी की साध्वी शिष्या सौम्या भारती ने अपने प्रवचनों से संगत को निहाल किया। बालकांड का वर्णन करते हुए साध्वी ने कहा कि यदि कोई इंसान प्रभु को पाना चाहता है तो उसे मन से एक बालक के सदृश होना होगा। जैसे एक बालक छल कपट से रहित होता है। पूर्णत: माता-पिता पर निर्भर रहता है। उसी प्रकार से इंसान भी जब मन से छल-कपट त्याग कर प्रभु की शरणागत होता है। समर्पण भाव से खुद को ईश्वर के प्रति समर्पित कर देता है। तब ईश्वर भी मां के सदृश्य उसका पोषण और पिता के समान रक्षण करता है।
बालकांड में प्रभु की दिव्य लीला आध्यात्मिक रहस्य से सराबोर हैं। जब राजा दशरथ बाल लीला करते प्रभु को हठपूर्वक पकड़ने की कोशिश करते हैं तो विफल हो जाते हैं। वहीं माता कौशल्या प्रेम पूर्वक प्रभु को अपनी गोद में बिठाकर भोजन करवाती हैं। इस दिव्य लीला से प्रभु श्री राम यह समझाना चाहते हैं कि उन्हें अहंकार को त्याग कर प्रेम भाव से ही प्राप्त किया जा सकता है। अत: ईश्वर दर्शन के द्वारा ही हम प्रभु प्रेम के मार्ग पर आगे बढ़ पाते हैं। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में भक्त श्रद्धालु गण और शहर के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। अंत में आरती की गई। सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।