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जम्मू-कश्मीर की तलाकशुदा प्राेफेसर ने बच्चों के लिए मांगा स्टेट सब्जेक्ट

एडवोकेट अंकुर शर्मा ने याचिका की ओर से कोर्ट मे पेश किया। जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर ने याचिका पर गौर करने के बाद इस संदर्भ में अडीशन एडवोकेट जनरल एसएस नंदा को नोटिस जारी कर दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 10:48 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 10:48 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर की तलाकशुदा प्राेफेसर ने बच्चों के लिए मांगा स्टेट सब्जेक्ट
जम्मू-कश्मीर की तलाकशुदा प्राेफेसर ने बच्चों के लिए मांगा स्टेट सब्जेक्ट

जम्मू। पति से तलाक होने के बाद अपने जम्मू में रह रही महिला प्रोफेसर ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपने दोनों बेटों के लिए स्टेट सब्जेक्ट की मांग की है। महिला प्रोफेसर रेनू नंदा ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उसकी शादी राज्य से बाहर हुई थी। बाद में उसका तलाक हो गया और तलाक के वक्त वह अपने दो बेटों के साथ वापस जम्मू आ गई थी। उसके दोनों बेटे उसके साथ रहते हैं। वह खुद राज्य की स्थायी नागरिक है और इस नाते उसका अधिकार बनता है कि उसके साथ रह रहे उसके बेटों को भी स्टेट सब्जेक्ट दिया जाए।

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इस याचिका को एडवोकेट अंकुर शर्मा ने याचिका की ओर से कोर्ट मे पेश किया। जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर ने याचिका पर गौर करने के बाद इस संदर्भ में अडीशन एडवोकेट जनरल एसएस नंदा को नोटिस जारी कर दिया। जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर ने प्रतिवादी पक्ष से इस संदर्भ में दो सप्ताह में हल्फनामा पेश करने के निर्देश भी जारी किए।

वहीं एडवोकेट अंकुर शर्मा ने कहा कि राज्य की एक तलाकशुदा महिला के बच्चों को स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र जारी करना गैर कानूनी नहीं है। प्रोफेसर रेनू नंदा जम्मू यूनिवर्सिटी में कार्यरत है और उन्होंने बच्चों के लिए राज्य की स्थायी नागरिकता मांगना अपना मौलिक अधिकार बताया। 


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