कश्मीर में 10 दिनों के भीतर सभी मादा रूसी चिनार काटने के निर्देश, संक्रमण फैला रहे
रिहायशी कालोनियों के 500 मीटर के दायरे में ये पेड़ न तो निजी जमीनों और न ही सरकारी जमीनों पर लगे हों। यदि पेड़ लगे हैं तो उन्हें तुरंत काट दिया जाए।
श्रीनगर, जेएनएन। डिवीजनल कमिश्नर कश्मीर पांडुरंग के पोले ने कश्मीर में मादा रूसी चिनार पर प्रतिबंध लगाते हुए सभी डीसी को दस दिनों के भीतर उनके क्षेत्राधिकार में लगे इन सभी पेड़ों को काटने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस आदेश के साथ चेतावनी भी दी है कि आदेश पर अमल न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल डिवीजनल कमिश्नर ने यह आदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर दिया है। कोर्ट में दायर एक जनहित के आधार पर कोर्ट ने पेड़ों को काटने के लिए कहा है। जनहित याचिका के अनुसार कश्मीर में लगे मादा रूसी चिनार खतरनाक संक्रमण फैला रहा है। ऐसे समय में जब कश्मीर में कोरोना का खतरा पैदा हो गया है, मादा रूसी चिनार की वजह से यह संक्रमण लोगों को अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।
कोर्ट के इस आदेश के बाद डिवीजनल कमिश्नर पाेले ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को यह सुनिश्चित बनाने के लिए कहा है कि रिहायशी कालोनियों के 500 मीटर के दायरे में ये पेड़ न तो निजी जमीनों और न ही सरकारी जमीनों पर लगे हों। यदि पेड़ लगे हैं तो उन्हें तुरंत काट दिया जाए। उन्होंने पेड़ों की कटाई का काम दस दिनों के भीतर पूरा करने की हिदायत देने के साथ अनुपालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
वहीं डिवीजनल कमिश्नर के इस आदेश के बाद डीसी कुपवाड़ा अंशुल गर्ग ने जिले में लगे रूसी प्रजातियों के सभी मादा चिनारों को छह दिनों के भीतर काटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कटाई के इस काम में स्थानीय लोगों को सहयोग करने के लिए भी कहा है। उनका कहना है कि रूसी प्रजाति के ये चिनार स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है।
गर्ग ने लोगों से कहा कि वे अपनी जमीनों पर लगे इन पेड़ों को काटने के लिए स्वयं आगे आएं। उन्होंने इस संबंध में सभी तहसीलदारों, वन विभाग के अधिकारियों और राजस्व विभाग के अधिकारियों को लिखित निर्देश भी जारी कर दिए हैं। उन्होंने अपने आदेश में भी कहा है कि यदि पेड़ों की कटाई में किसी तरह की दिक्कत आती है तो वे पुलिस, वन विभाग आदि की सहायता भी ले सकते हैं।
डीसी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने वन विभाग से कहा कि कटाई का काम पूरा होने के बाद वे नर चिनार पेड़ों को लगाने का काम शुरू करें।