भरभरा कर गिरी जिला सैनिक वेलफेयर बोर्ड की इमारत
शहर के अंबफला स्थित सैनिक वेलफेयर बोर्ड की इमारत के सामने का भाग भरभरा कर धराशाई हो गया। इसमें बनी नौ दुकानें ध्वस्त हो गईं।
जागरण संवाददाता, जम्मू : शहर के अंबफला स्थित सैनिक वेलफेयर बोर्ड की इमारत के सामने का भाग भरभरा कर धराशाई हो गया। इसमें बनी नौ दुकानें ध्वस्त हो गईं। इमारत में एचपी गैस एजेंसी के अलावा अन्य दुकानें भी थीं। गनीमत रही कि रात के समय इमारत गिरी। दिन में हादसा होता तो जान-माल को भारी क्षति होती। अलबता दुकानों में पड़े सामान को काफी नुकसान हुआ है।
अंबफला में राज्य सैनिक वेलफेयर बोर्ड की यह इमारत करीब सात दशक पुरानी है। स्वामी विवेकानंद चेरिटेबल अस्पताल के नजदीक बनी इस इमारत में दिन के समय काफी भीड़ रहती थी। सैनिकों से जुड़े मसलों को लेकर लोग यहां आते ही थे। इमारत में चिनाब ट्रेडिग कंपनी (एचपी गैस) का भी कार्यालय था, जहां रोजाना सैकड़ों लोग रसोई गैस के लिए आते थे। इतना ही नहीं एक ठेकेदार का कार्यालय भी बना हुआ था।
सोमवार की मध्य रात को अचानक यह इमारत जमींदोज हो गई। दो मंजिला इमारत के अगले हिस्से के नीचे दुकानें तथा उनके आगे बरामदा बना हुआ है। उसके ऊपर बोर्ड कार्यालय के कुछ कमरे थे। बरामदे के ऊपर के कमरे समेत पूरा बरामदा गिरा। इससे गैस एजेंसी को ज्यादा नुकसान हुआ।
जानकारी मिलने पर मंगलवार की सुबह मेयर चंद्र मोहन गुप्ता, पूर्व एमएलसी विक्रम रंधावा व अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। बोर्ड कर्मचारियों व प्रभावित दुकानदारों को भी सुना। कॉरपोरेटर निधि मंगोत्रा ने भी मौका देखा और सैनिकों के लिए बने कार्यालय का दोबारा निर्माण करवाने पर भी जोर दिया।
--------- दूसरी जगह से गैस वितरण का हो रहा प्रबंध इमारत में गैस एजेंसी चलाने वाले देश्वर सिंह और राकेश कुमार ने कहा कि इमारत के गिरने से उन्हें काफी नुकसान हुआ है। अब इस इमारत में कामकाज नहीं चल सकता। गैस एजेंसी में काफी लोगों का रोजाना आना-जाना होता है। दिन में इमारत गिरी होती तो बड़ा हादसा होता। उन्होंने कहा कि वह दूसरी जगह से गैस देने के प्रबंध कर रहे हैं। फिलहाल कार्यालय में सामान दबकर रह गया है।
--------- उपराज्यपाल करें दौरा, बनवा कर दें इमारत जम्मू वेस्ट असेंबली मूवमेंट के प्रधान सुनील डिंपल ने उपराज्यपाल से अपील की है कि वे जल्द से जल्द सैनिक बोर्ड की इमारत का निर्माण करवाएं। उन्होंने कहा कि इमारत का फ्रंट गिरा है, लेकिन पूरी इमारत असुरक्षित है। 60-70 साल पहले यह इमारत बनी है। यह सैनिकों का मसला है। वे हमारे जीवन की रक्षा करते हैं। जिला सैनिक बोर्ड में रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते थे। उन्होंने कहा कि गिरे हुए हिस्से के अलावा पूरे कमप्लेक्स का निर्माण करवा कर प्रशासन को देना चाहिए ताकि सैनिकों का मान-सम्मान बना रहे।
----- असुरक्षित इमारतें दे रही हादसों को न्योता जम्मू शहर में दर्जनों ऐसी इमारतें हैं जो कभी भी किसी बड़े हादसे का सबब बन सकती हैं। इनमें से कुछ को असुरक्षित भी घोषित किया गया, लेकिन इन्हें खाली करवाने तथा गिराकर जान-माल की सुरक्षा का कोई बंदोबस्त फिलहाल नहीं है। वेयर हाउस की इमारतें इसका जीवंत उदाहरण हैं। दो दशक से असुरक्षित घोषित इन इमारतों को आज तक खाली नहीं करवाया जा सका। न ही इनकी मरम्मत ही की गई है। नेहरू मार्केट, वेयर हाउस में असुरक्षित इमारतों में 180 के करीब परिवार आज भी रह रहे हैं। वे पुनर्वास चाहते हैं। इतना ही नहीं पुराने शहर में भी ऐसी इमारतें हैं जिन्हें निगम खाली करवाने में नाकाम रहा है। हालत यह है कि निगम के पास शहर में असुरक्षित इमारतों का ब्यौरा तक नहीं। करीब पंद्रह साल पहले एक सर्वे करवाया गया, तब 65 के करीब ऐसी इमारत चिन्हित की गई थीं।
--------- 2018 में सरकार को लिखा था, कुछ नहीं किया सैनिक वेलफेयर बोर्ड के पूर्व निदेशक सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर हरचरण सिंह ने कहा- 'हमने वर्ष 2018 में सरकार को इस इमारत के बारे में लिखा था कि इसमें जगह-जगह दरारें पड़ रही हैं। करीब सात दशक पहले इमारत बनी थी। लिखित में देने के बाद कुछ कर्मचारी मौका देखने भी आए थे, लेकिन हुआ कुछ नहीं। इस इमारत में दफ्तर था। रात के समय यहां कोई नहीं रहता था। पूरी इमारत अब खस्ताहाल हो चुकी है। सरकार को प्रभावी कदम उठाने चाहिए। फिलहाल बोर्ड का कोई भी निदेशक नहीं है।
--------- अन्य असुरक्षित इमारतों को खाली करने के देंगे निर्देश 70 साल पुरानी इमारत में दुकानें बनाकर राजस्व जुटाने का प्रयास तो किया गया, लेकिन इमारत को दोबारा नहीं बनाया गया। निगम इंजीनियरिग विग को भेज कर इस इमारत को असुरक्षित घोषित करेगा। यहां स्थित अन्य दुकानदारों को भी सामान निकालने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न हो कि कोई और हादसा हो जाए। वेयर हाउस समेत शहर की अन्य असुरक्षित इमारतों को खाली करवाने के निर्देश भी निगम आयुक्त को दिए जाएंगे। हमारी टीमें इस पर काम करेंगी।
- चंद्रमोहन गुप्ता, मेयर, जम्मू