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जिला प्रशासन ने हड़ताली पीएचर्इ कर्मियों से मांगा एक सप्ताह का समय

सरकार के आश्वासन पर हड़ताली कर्मियों के नेताओं ने भी यह वायदा किया कि उनका जवाब आने तक वे अपना धरना-प्रदर्शन शांतिपूर्वक ढंग से जारी रखेंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 06:13 PM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 06:13 PM (IST)
जिला प्रशासन ने हड़ताली पीएचर्इ कर्मियों से मांगा एक सप्ताह का समय
जिला प्रशासन ने हड़ताली पीएचर्इ कर्मियों से मांगा एक सप्ताह का समय

जम्मू, जेएनएन। जिला प्रशासन ने पीएचई हड़ताली कर्मियों से उनकी मांगों पर निर्णय लेने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। वित्त सचिव पवन कोतवाल ने इस दौरान कर्मियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए इस बात का विश्वास दिलाया कि बकाया वेतन जारी करने, एसआरओ-520 को लागू करने संबंधी फैसला ले लिया जाएगा। वहीं सरकार के इस आश्वासन पर हड़ताली कर्मियों के नेताओं ने भी यह वायदा किया कि उनका जवाब आने तक वे अपना धरना-प्रदर्शन शांतिपूर्वक ढंग से जारी रखेंगे।

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पीएचई विभाग में 18 सालों से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे पीएचई अस्थायी कर्मियों द्वारा सोमवार को किए गए शक्ति प्रदर्शन ने सरकार की नींदे उड़ा दी है। पचास महीनों का बकाया वेतन जारी करने, एसआरओ-520 को लागू करने व वेजहैड बनाकर नियमित वेतन देने की व्यवस्था करने की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से उग्र आंदोलन पर उतारू ये कर्मी परेशानी न बढ़ाएं इसीलिए मंगलवार दोपहर 3 बजे राज्यपाल सत्यपाल मलिक, चीफ सेक्रेटरी के आदेश पर वित्त सचिव डॉ पवन कोतवाल ने आल जेएंडके पीएचई आईटीआई ट्रेंड एंड सीपी वर्कर्स व लैंड डोनर यूनियन के प्रधान तनवीर हुसैन, दीपक गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारियों को सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया।

करीब एक घंटे तक चली इस बैठक में वित्त सचिव ने कर्मियों से एेसी कोई हरकत न करने की अपील की जिससे की आम जनता को परेशानी हो। उन्होंने कहा कि कर्मियों द्वारा रखी गई सभी मांगे जायज हैं और सरकार उनके हल के लिए गंभीर भी है। डॉ पवन कोतवाल ने इसके लिए कर्मियों से एक सप्ताह का समय देने की मांग की। इस बीच वे नीति बना लेंगे परंतु कर्मी सड़कों पर न उतरें। तनवीर ने बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों से कहा कि सरकारी अनदेखी से परेशान होकर कर्मियों को सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ा है। एसआरओ-520 को लागू हुए एक साल का समय पूरा होने को है परंतु अभी भी वे अपने हक के लिए दरबदर हो रहे हैं। जहां एक माह वेतन बिना गुजारा करना मुश्किल है, हम सभी 50 महीनों से बिना वेतन काम कर रहे हैं।

 हद तो यह है कि अधिकारी व सरकार इससे भलीभांति परिचित तो है परंतु कुछ करना नहीं चाहती। उन्होंने वित्त सचिव की बात का स्वागत करते हुए इस बात का विश्वास दिलाया कि उनका आंदोलन जारी तो रहेगा परंतु उनका जवाब आने तक कोई भी कर्मी सड़कों पर नहीं उतरेगा। पानी की सप्लाई को भी बाधित नहीं किया जाएगा। परंतु इस बाद भी यह केवल आश्वासन हुए तो गुस्साए कर्मियों को समझाना उनके लिए भी मुश्किल हो जाएगा। इस बैठक में डायरेक्टर फाइनेंस पीएचई इट्टू, चीफ इंजीनियर पीएचई अशोक गंडोत्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।


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