लद्दाख को डिवीजन बनाने पर विवाद शुरू, कारगिल ने लगाया अनदेखी का आरोप
राज्य ब्यूरो, जम्मू : लद्दाख को डिवीजन का दर्जा मिलने के साथ ही विवाद पैदा हो गया है। कारगिल स्व
राज्य ब्यूरो, जम्मू : लद्दाख को डिवीजन का दर्जा मिलने के साथ ही विवाद पैदा हो गया है। कारगिल स्वायत्त पहाड़ी विकास काउंसिल ने चेतावनी दे दी है कि अगर इंसाफ नहीं किया तो आंदोलन ही नहीं बल्कि पंच-सरपंच, एमएलसी व अन्य संस्थाओं के सभी प्रतिनिधि अपने पदों से त्यागपत्र दे देंगे।
कारगिल पहाड़ी विकास स्वायत्त काउंसिल के चीफ एग्जिक्यूटिव काउंसलर फिरोज खान ने राज्य विधान परिषद के चेयरमैन हाजी अनायत अली के साथ जम्मू मे शनिवार को पत्रकारवार्ता की। उन्होंने कहा कि लद्दाख को डिवीजन का दर्जा देकर लेह को मुख्यालय बनाना कारगिल के साथ भेदभाव है, जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।
खान ने कहा कि लद्दाख में यूनिवर्सिटी स्थापित करने की मांग उठाई, लेकिन क्लस्टर यूनिवर्सिटी भी लेह में खोली गई। हम लेह के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कारगिल के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। राज्यपाल अपने फैसले की समीक्षा करें। यह सुनिश्चित करें कि छह महीने मुख्यालय कारगिल होगा और छह महीने लेह में। अगर राज्यपाल ने फैसले की समीक्षा नहीं की तो कारगिल आंदोलन के लिए तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी लोग और पार्टियां दलगत राजनीति से ऊपर उठाकर एकजुट हैं।
लेह को मुख्यालय बनाना हमें मंजूर नहीं : हाजी
हाजी अनायत अली ने कहा कि लद्दाख को डिवीजन का दर्जा देकर लेह को मुख्यालय बनाने का फैसला हमें मंजूर नहीं है। राज्यपाल शीघ्र एसआरओ को रद्द कर संशोधित आदेश जारी करें। व्यवस्था हो कि कारगिल और लेह में छह-छह महीने के लिए डिवीजन मुख्यालय बनाया जाए। अगर फैसले की समीक्षा नहीं हुई तो कारगिल के पंच-सरपंच, एमएलसी और अन्य संस्थाओं के चुने हुए सभी प्रतिनिधि अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे। इस मुद्दे पर कारगिल और जम्मू में आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसकी रूपरेखा भी तैयार की जा रही है।