Move to Jagran APP

विस्थापित पंडित कश्मीर तभी लौटेंगे जब कश्मीर में उनके लिए होमलैंड बनेेेेगी

पनुन कश्मीर को मुख्यमंत्री का यह निमंत्रण रास नहीं आया। उनका कहना है कि विस्थापित पंडित घाटी में टूरिस्ट बनकर क्यों जाएं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 02 Apr 2018 01:52 PM (IST)Updated: Mon, 02 Apr 2018 05:03 PM (IST)
विस्थापित पंडित कश्मीर तभी लौटेंगे जब कश्मीर में उनके लिए  होमलैंड बनेेेेगी
विस्थापित पंडित कश्मीर तभी लौटेंगे जब कश्मीर में उनके लिए होमलैंड बनेेेेगी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्य के किसी मुख्यमंत्री ने भले ही 28 वर्ष बाद दिल्ली में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के कार्यक्रम को संबोधित किया हो। घाटी में उनसे लौटने की अपील की हो, लेकिन पनुन कश्मीर को मुख्यमंत्री का यह निमंत्रण रास नहीं आया। उनका कहना है कि विस्थापित पंडित घाटी में टूरिस्ट बनकर क्यों जाएं। कश्मीर उनका ही है, लेकिन वह वापस तभी लौटेंगे जब सरकार कश्मीर में उनके लिए अलग से होमलैंड बनाती है।

loksabha election banner

पनुन कश्मीर की एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में प्रधान अश्विनी चुरंगु ने कहा कि उनका संगठन तीन दशक से पंडितों की घाटी वापसी के लिए संघर्ष कर रहा है। पनुन कश्मीर ने वेबसाइट बनाकर पंडितों और जम्मू कश्मीर के हालत के बारे में पूरे विश्व को बताया।

उन्होंने कहा कि कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान प्रशंसा के काबिल है। दो दिन में ही उन्होंने कई आतंकियों को मार गिराया। पाकिस्तान द्वारा अपनी जमीन को आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने देना पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शनिवार को नई दिल्ली में कहा कि आजादी के नारे को बदलने की जरूरत है। यह अच्छा कदम है। उन्हें कश्मीर में अलगाववादियों को यह समझाना चाहिए जिससे कश्मीर में हिंसा का दौर कम हो।

चुरंगु ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को टूरिस्ट बनकर या फिर श्रद्धालु बनकर आने की जरूरत नहीं है। पंडित कश्मीर के पहले दावेदार हैं। कुछ समझौते करके पंडित घाटी में जिंदगी नहीं बिता सकते हैं। कश्मीर में बसाने के लिए सरकार को पहले उन्हें विश्वास में लेना होगा। उन्होंने कहा कि 1991 में अलग होमलैंड का प्रस्ताव ही समस्या का समाधान है। इस मौके पर प्रो. एमएल रैना, जेएल कौल, वीरेंद्र रैना, वीरेंद्र कौल, विजय काजी व सुमीर भट भी मौजूद थे।

14 को प्रधान पद के होंगे चुनाव जम्मू : पनुन कश्मीर की एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक अब 14 अप्रैल को होगी। इसमें प्रधान पद के चुनाव भी होंगे। उसी दिन कश्मीरी पंडित निर्वासन संवत-29 भी मनाएंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.