जम्मू-कश्मीर: विस्थापित कश्मीरी पंडित अधिकारों के लिए सड़कों पर निकले, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर मांगा इंसाफ
कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की सरकार की जिम्मेदारी है। जब तक पुनर्वास नही होता कश्मीरी पंडितों को जरूरत की सुविधाएं तो देनी पड़ेंगी। हम लोग राहत राशि में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं और यह मांग एकदम जायज है। पूरा कश्मीरी पंडित समाज हमारे साथ है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। अपनी मांगों के लिए विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने जगटी में रैली निकाले का क्रम शुरू कर दिया है। यह कार्यकर्ता सुबह जगटी कालोनी में एकत्र हुए और फिर विभिन्न ब्लाकों में गए और कश्मीरी पंडितों का समर्थन जुटाया।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों की मासिक राहत राशि में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पिछले डेढ़ साल से विस्थापित कश्मीरी पंडित आंदोलन पर हैं। लेकिन केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन गंभीरता नही दिखा रहा। ऐसे में इन कार्यकर्ताओं को रैली निकालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
जगटी कालोनी परिसर में रैली निकाली गई है। दोपहर बाद इसे मुख्य सड़क पर ले जाया जाएगा। इसी बीच कार्यकर्ताओं ने बैठक भी की और रैली कार्यक्रमों को तेज करने का मन बनाया। शादी लाल पंडिता ने कहा कि कालोनी क्षेत्र में रैली निकाली गई और विस्थापित कश्मीरी पंडितों से भी बातचीत की जा रही है। पिछले 443 दिनों तक विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने जगटी में धरना दिया लेकिन इनकी मांगों पर गौर नही किया जा रहा।
पार्लियामेंट की संसदीय कमेटी ने भी मासिक राहत राशि में बढ़ोतरी की सिफारिश की है। ऐसे में केंद्र सरकार को विस्थापित कश्मीरी पंडितों के बारे में सोचना चाहिए। इस समय विस्थापित कश्मीरी पंडित का परिवार 13000 रुपये मासिक राहत प्राप्त कर रहा है, इसे बढ़ाकर 25,000 रुपये किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महंगाई बहुत बढ़ चुकी और इस दौर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों का गुजारा कर पाना मुश्किल है। चूंकि कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की सरकार की जिम्मेदारी है। जब तक पुनर्वास नही होता, कश्मीरी पंडितों को जरूरत की सुविधाएं तो देनी पड़ेंगी। हम लोग राहत राशि में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं और यह मांग एकदम जायज है। पूरा कश्मीरी पंडित समाज हमारे साथ है। ऐसे में सरकार को भी तुरंत आगे आना चाहिए और इंसाफ करना चाहिए व बिना देरी के विस्थापित कश्मीरी पंडितों की राहत राशि बढ़ाई जानी चाहिए।