Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: विस्थापित कश्मीरी पंडितों के आंदोलन के 100 दिन पूरे, जगटी में निकाली कफन रैली

जगटी में धरने के सौ दिन पूरे होने के बाद भी प्रशासन ने इन विस्थापितों की मांगों पर कोई गौर नहीं किया। ऐसे में गुस्साए कश्मीरी पंडितों ने रविवार को जगटी की सड़क पर उतरकर कफन रैली निकाली और जम्मू कश्मीर प्रशासन व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 02:02 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 02:02 PM (IST)
Jammu Kashmir: विस्थापित कश्मीरी पंडितों के आंदोलन के 100 दिन पूरे, जगटी में निकाली कफन रैली
कश्मीरी पंडितों ने रविवार को जगटी की सड़क पर उतर कर कफन रैली निकाल केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

जम्मू, जागरण संवाददाता । मासिक राहत में बढ़ोतरी की मांग कर रहे विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने अपने आंदोलन को गति दे दी है। जगटी में धरने के सौ दिन पूरे होने के बाद भी प्रशासन ने इन विस्थापितों की मांगों पर कोई गौर नहीं किया। ऐसे में गुस्साए कश्मीरी पंडितों ने रविवार को जगटी की सड़क पर उतर कर कफन रैली निकाली और जम्मू कश्मीर प्रशासन व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए।

loksabha election banner

कार्यकर्ताओं ने कहा कि अब कश्मीरी पंडित पीछे हटने वाले नहीं हैं। सौ दिन का धरने देने के बाद भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाए। ऐसे में कश्मीरी पंडितों को अब अपना आंदोलन और तेज करना पड़ रहा है। रैली में अधिकांश कश्मीरी विस्थापित विरोध रूपी सफेद कपड़े पहने हुए थे। बाद में सड़क में बैठकर इन लोगों ने धरना भी दिया। मौके पर जगटी टेनिमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता ने कहा कि 1990 में कश्मीरी पंडितों को घाटी से पलायन करने को मजबूर होना पड़ा। जम्मू व देश के अन्य राज्यों में यह कश्मीरी पंडित विस्थापित कालोनियों में अपना जीवन गुजार रहा है। सरकार ने प्रति परिवार 13 हजार रुपये की मासिक राहत तो लगाई मगर इसमें बढ़ोतरी नहीं हो पाई। ऐसे मेें आज विस्थापित परिवारों का गुजारा करना मुश्किल हो गया है।

वहीं राकेश टिक्कू ने कहा कि प्रशासन विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए गंभीर ही नहीं है। इनकी मासिक राहत राशि को बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया जाना चाहिए। यही हमारी नहीं हर कश्मीरी विस्थापित पंडित की मांग है। लेकिन न ही केंद्र सरकार और न ही जम्मू कश्मीर प्रशासन कश्मीरी पंडितों को लेकर गंभीरता दिखा रहा है। वहीं कश्मीरी पंडितों ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों की हालत अगर सरकार सुधारना चाहती है तो हर विस्थापित परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। वहीं विस्थापित परिवारों के बच्चों की शिक्षा के बारे में भी सोचा जाना चाहिए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.