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Jammu Kashmir: विस्थापित कश्मीरी पंडित बोले- सरकार बातचीत कर सुरक्षा व सम्मान की गारंटी दे तभी वापसी संभव

विस्थापित कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के सरकारी प्रयासों के बीच नगरोटा के जगटी कालोनी में रहने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने कहा है कि जब तक सरकार उनके साथ बातचीत नहीं करेंगी वापसी लेकर कोई भी प्रस्ताव उन्हें मंजूर नहीं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 04:15 PM (IST)
Jammu Kashmir: विस्थापित कश्मीरी पंडित बोले- सरकार बातचीत कर सुरक्षा व सम्मान की गारंटी दे तभी वापसी संभव
दिल्ली ने कभी भी विस्थापित कश्मीरी पंडितों का दर्द नहीं समझा।

जम्मू, जागरण संवाददाता : विस्थापित कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के सरकारी प्रयासों के बीच नगरोटा के जगटी कालोनी में रहने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने कहा है कि जब तक सरकार उनके साथ बातचीत नहीं करेंगी, वापसी लेकर कोई भी प्रस्ताव उन्हें मंजूर नहीं। इन विस्थापित पंडितों ने कश्मीर में फ्लैट बनाकर वहां पुनर्वास के प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा है कि वे कश्मीर में सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि सरकार पहले उनसे बातचीत करें।

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ऑल इंडिया माइग्रेंट कैंप्स कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों ने बुधवार को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनी मैदान के बाहर सरकार विरोधी प्रदर्शन किया। जगटी में बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने, राहत राशि में वृद्धि करने, कश्मीर में उनकी जमीनों पर हुए कब्जों को हटाने समेत अन्य कई मांगों को लेकर इन विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने नारेबाजी की। प्रदर्शन की अगुआई करते हुए कमेटी के प्रधान देश रत्तन पंडिता ने कहा कि दिल्ली ने कभी भी विस्थापित कश्मीरी पंडितों का दर्द नहीं समझा।

पंडिता ने कहा कि दिल्ली से लोग आते है और कुछ राजनेताओं व स्वयंभू कश्मीरी नेताओं से मिलकर चले जाते है और फाइलों में बड़े-बड़े प्रस्ताव तैयार किए जाते है। पंडिता ने कहा कि ऑल इंडिया माइग्रेंट कैंप्स कोआर्डिनेशन कमेटी वो संगठन है जो कैंपों में रहने वाले कश्मीरियों से जुड़ा है। यह संगठन गरीब कश्मीरियों का है जो गांवों में रहते थे। ये वो कश्मीरी है जो पिछले दो दशकों से निष्कासन का दर्द झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित घाटी में वापसी चाहते हैं लेकिन वापसी से पहले सरकार एक मंच पर आकर पंडितों की सुरक्षा व सम्मान की गारंटी दे, तभी ये वापसी संभव हो पाएगी।

यहां बता दे कि सरकार ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के लिए कश्मीर के पांच जिलों में 2744 फ्लैट बनाने का प्रस्ताव बनाया है जिसके लि 278 कनाल जमीन स्थानांतरित भी कर दी गई है। 


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