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दिनेश्वर शर्मा बोले- सभी युवक आतंकवाद, हिंसा का मार्ग त्याग मुख्यधारा में लौटेे

कश्मीर के हालात का जायजा लेकर दिल्ली लौटे दिनेश्वर शर्मा ने कहा कि हिंसा से किसी समस्या का हल नहीं निकला है। सिर्फ बातचीत से ही विवाद हल होते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 11:45 AM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 11:45 AM (IST)
दिनेश्वर शर्मा बोले- सभी युवक आतंकवाद, हिंसा का मार्ग त्याग मुख्यधारा में लौटेे
दिनेश्वर शर्मा बोले- सभी युवक आतंकवाद, हिंसा का मार्ग त्याग मुख्यधारा में लौटेे

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो।केंद्रीय वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा ने सोमवार को आतंकवाद के रास्ते पर जाने वाले सभी स्थानीय कश्मीरी युवकों से हिंसा का मार्ग त्याग मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ आपस में बातचीत और शांतिपूर्ण माहौल में ही किसी समस्या का हल निकल सकता है, हिंसा से नहीं।

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दिनेश्वर शर्मा घाटी में स्थायी शांति बहाली और कश्मीर समस्या के सर्वमान्य समाधान का रोडमैप तैयार करने में जुटे हैं।केंद्रीय वार्ताकार ने फोन पर कहा कि आतंकवाद के रास्ते पर जाने वाले सभी युवकों से मैं वापसी की अपील करता हूं। हिंसा से कोई समस्या हल नहीं होगी, बंदूक से न कश्मीरी नौजवान का कोई भला होगा और न कश्मीर को कोई फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि शोपियां व अनंतनाग में 13 स्थानीय आंतंकी मारे गए हैं। हिंसा के रास्ते पर सिर्फ मौत और तबाही है। स्थानीय युवकों का आतंकी बनना चिंता का विषय है। नौजवानों को मरते देखना सभी के लिए दुखदायी है। जिन भी लड़कों ने बंदूक का रास्ता चुना है, उनके अभिभावकों को चाहिए कि वह उन्हें हिंसा के रास्ते से वापस घर लौटने के लिए मनाएं। बीते कुछ महीनों के दौरान कई युवक अपने परिजनों के आग्रह पर हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। अन्य युवको को भी उनका अनुसरण करना चाहिए। सम्मानजनक जिंदगी जीने में उनका पूरा साथ दिया जाएगा।

गत सप्ताह ही कश्मीर के हालात का जायजा लेकर दिल्ली लौटे दिनेश्वर शर्मा ने कहा कि हिंसा से आज तक किसी समस्या का हल नहीं निकला है। सिर्फ बातचीत से ही विवाद हल होते हैं। कश्मीरी नौजवानों को समझना चाहिए कि कश्मीर में हिंसा व कानून व्यवस्था के संकट के चलते ही विकास नहीं हो रहा है, रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कश्मीर में हिंसाचक्र के बार बार शुरू होने से मैं खुद भी बहुत दुखी हूं। उम्मीद करता हूं कि इस बार गर्मियों में स्थानीय स्तर पर आर्थिक व पर्यटन गतविधियां जोर पकड़ेंगी। लोगों को शरारती तत्वों विशेषकर सरहद पार से किए जाने जाने वाले दुष्प्रचार से बचना चाहिए। 


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