जम्मू-कश्मीर राज्य पुलिस के जवान व अधिकारी जल्द ही अपनी वर्दी पर कैमरों से लैस नजर आएंगे
कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ पिछले एक साल से अपने जवानों और अधिकारियों के लिए बॉडी कैमरा का इस्तेमाल कर रहा है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। अपनी कार्यप्रणाली को जनमित्र और बदलते परिवेश के मुताबिक बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही राज्य पुलिस के जवान और अधिकारी जल्द ही अपनी वर्दी पर कैमरों से लैस नजर आएंगे। पुलिसकर्मी बॉडी कैमरा से लैस होंगे।
राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने राज्य पुलिस संगठन के अधिकारियों और कर्मियों के लिए बॉडी कैमरे उपलब्ध कराने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि हम पुलिस को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।
इन कैमरों के जरिए फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों की गतिविधियों से लेकर उनके आसपास के माहौल को नियंत्रण कक्ष में बैठे अधिकारी अच्छी तरह समझते हुए कार्रवाई कर सकते हैं।
डॉ. वैद ने कहा कि राज्य पुलिस संगठन में 90 हजार से ज्यादा लोग हैं। हरेक के लिए बॉडी कैमरा संभव नहीं है। इसलिए शुरुआत में हम यह बॉडी कैमरा कानून व्यवस्था और ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के लिए ही उपलब्ध कराएंगे।
आइजीपी कश्मीर एसपी पाणि ने कहा कि हमने कुछ बॉडी कैमरा मंगवाए हैं। पुलिस कर्मियों को उनके इस्तेमाल के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ पिछले एक साल से अपने जवानों और अधिकारियों के लिए बॉडी कैमरा का इस्तेमाल कर रहा है।
पूर्व सैनिकों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं दिलाएंगी वीपीसीए टीमें
सेवानिवृत्त सैनिकों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से सेना की देखभाल और सहायता टीमों (वीपीसीए) ने जम्मू में काम करना शुरू कर दिया है। सेना की वीपीसीए टीमें न केवल पूर्व सैनिकों को उनके लिए शुरू की गई केंद्र सरकार की इंप्लाइज कंट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम का लाभ दिलाएंगी बल्कि सतर्कता को बढ़ावा देकर उन्हें खामियां उजागर करने के लिए प्रेरित करेंगी।
सेना ने यह कदम देश के विभिन्न हिस्सों में पूर्व सैनिकों के इलाज में आने वाली मुश्किलों को दूर करने के लिए की है। जम्मू में वीपीसीए टीमों के सक्रिय होने से इंप्लाइज कंट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम के तहत अपना पंजीकरण करवाने वाले राज्य के हजारों पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को बेहतर चिकित्सा सुविधा हासिल करने में लाभ मिलेगा।
सेना ने पायलेट प्रोजेक्ट के तहत वीपीसीए टीमें बनाने की योजना की शुरुआत छह महीने पहले दिल्ली, जालंधर व त्रिवेंद्रम में की थी। अब तीन शहरों में इस योजना की कामयाबी को देखते हुए देश के 17 अन्य शहरों को भी इस सेवा के दायरे में लाया गया है। इन 17 शहरों में जम्मू भी शामिल है। इस महीने से 17 शहरों में वीपीसीए टीमों ने अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है।