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जम्मू-कश्मीर में पिछले साल की तुलना इस साल आतंकी वारदातों में आई कमी: डीजीपी दिलबाग सिंह

डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल गतिविधियों में भाग ले रहे युवाओं ने भी प्रदेश का नाम रोशन किया हैं। उन्होंने बातें महात्मा गांधी की जयंती पर पुलिस मुख्यालय में आयोजित मुख्य समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों से कही।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 05:47 PM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 06:07 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में पिछले साल की तुलना इस साल आतंकी वारदातों में आई कमी: डीजीपी दिलबाग सिंह
जम्मू-कश्मीर पुलिस केे महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह

श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर पुलिस केे महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में कमी आई है। यही नहीं पिछले साल की तुलना इस इस साल समग्र कानून और व्यवस्था में भी काफी सुधार हुआ है। उन्होंने इसका श्रेय कश्मीर के युवाओं को दिया। कश्मीर में सुधरते हालात से यहां के लोग खुश हैं। खासकर यहां के युवाओं ने अब हिंसा और हिंसक कार्यों की निरर्थकता को समझा है। यही वजह है कि आज हमारे प्रदेश के युवा जम्मू-कश्मीर में ही नहीं देशस्तर पर होने वाली सिविल सेवाओं की परीक्षाओं में चमक रहे हैं।

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डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल गतिविधियों में भाग ले रहे युवाओं ने भी प्रदेश का नाम रोशन किया हैं। उन्होंने बातें महात्मा गांधी की जयंती पर पुलिस मुख्यालय में आयोजित मुख्य समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों से कही। 

डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल गतिविधियों में भाग ले रहे युवाओं ने भी प्रदेश का नाम रोशन किया हैं। उन्होंने बातें महात्मा गांधी की जयंती पर पुलिस मुख्यालय में आयोजित मुख्य समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों से कही। जिला पुंछ और कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा पर सीजफायर उल्लंघन के बढ़ते मामलों के बारे में पूछे गए जवान में डीजीपी ने कहा कि हमारा पड़ोसी खुद हिंसा का शिकार है, लेकिन इसके बाद भी वह हिंसा को बढ़ावा दे रहा है।" “दुर्भाग्य से हमने पुंछ और कुपवाड़ा में तीन सैनिकों को खो दिया। हमारी सेनाएं दुश्मन पड़ोसी को हर संभव जवाब दे रही हैं।”

पत्रकारों द्वारा अमशीपोरा शोपियां फर्जी मुठभेड़ के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि राजौरी से मारे गए तीनों श्रमिक युवाओं के शव परिजनों को सौंपने के लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।बहुत जल्द, शवों को परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाएगा।


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