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Jammu Kashmir: काला चश्मा उतारकर जमीनी हकीकत समझें : डीजीपी दिलबाग सिंह

डीजीपी दिलबाग ने महबूबा का नाम लिए बिना कहा कि दुखद पहलु यह है कि यह लोग हकीकत को अच्छी तरह समझते हैं फिर भी वे इसे दूसरी निगाह से देख रहे हैं। अगर वह काला चश्मा उतार कर जमीनी हकीकत को समझें तो उन्हें असलियत का पता चल जाएगा।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 07:22 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 07:22 AM (IST)
Jammu Kashmir: काला चश्मा उतारकर जमीनी हकीकत समझें : डीजीपी दिलबाग सिंह
पुलिस महानिदेश्क (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से घुसपैठ का सिलसिला जारी है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : पुलिस महानिदेश्क (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग काला चश्मा लगाकर जमीनी हकीकत को नहीं समझ पा रहे हैं। समाज में कुछ लोग पुलिस पर मासूमों की हत्याओं का आरोप लगाकर भ्रमित करने और मामले को तूल देने की कोशिश में लगे हुए हैं। दुर्भाग्य की बात यह है कि जिन लोगों की समाज में चंद लोग हिमायत कर रहे हैं, वास्तव में वे हत्यारे हैं, जो मासूम लोगों की हत्याओं से जरा भी नहीं हिचकिचाते।

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पुलिस महानिदेशक मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें महबूबा मुफ्ती ने गत बुधवार को श्रीनगर के रामबाग मुठभेड़ में मारे गए आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट के स्वयंभू एरिया कमांडर मेहरान और उसके दो साथियों को मासूम बताया था।

डीजीपी दिलबाग सिंह ने महबूबा का नाम लिए बिना कहा कि दुखद पहलु यह है कि यह लोग हकीकत को अच्छी तरह समझते हैं, फिर भी वे इसे दूसरी निगाह से देख रहे हैं। अगर वह काला चश्मा उतार कर जमीनी हकीकत को समझें तो उन्हें असलियत का पता चल जाएगा। रामबाग में मार गिराए गए तीनों आतंकी पहले आतंकियों के मददगार के रूप में काम कर रहे थे। मारा गया आतंकी मंजूर और उसके दो साथी पहले लश्कर के आंतकी अब्बार के लिए काम करते थे। बाद में ये तीनों कई हत्याओं में संलिप्त रहे। बेशक चंद लोग जानबूझकर इन्हें मासूम मानते हैं, यह उनकी मजबूरी हो सकती है, लेकिन असलियत सबको मालूम है। रामबाग में इन तीनों आतंकियों के मारे जाने से स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली है।

पाकिस्तान से घुसपैठ का सिलसिला जारी :

सीमा पार से घुसपैठ पर डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान से घुसपैठ का सिलसिला जारी है। इसमें वे सफल भी हुए हैं। बार्डर पर सिक्योरिटी ग्रिड घुसपैठ को रोकने में सर्तकता बरत रहा है। घाटी में बासित के अलावा फिलहाल कोई भी सक्रिय आतंकी जिंदा नहीं बचा है। कुछ स्थानीय आपराधिक प्रवृति के लोगों ने हत्याओं को अंजाम देने की कोशिश की है। पुंछ में बीते एक माह से भी अधिक समय से जारी अभियान के बारे में डीजीपी ने कहा कि सेना की राष्ट्रीय राइफल के जवान आंतकियों को ढूंढ निकालने में लगे हुए हैं, ताकि इस क्षेत्र को आतंकवाद मुक्त बना दिया जाए। कश्मीर घाटी में कुछ ओवर ग्राउंड वर्करों पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत कार्रवाई भी की गई है।


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