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Militancy in Jammu Kashmir: राजौरी से गिरफ्तार 3 लश्कर आतंकियों तक कैसे पहुंची हथियारों की खेप, डीजीपी ने किया बड़ा खुलासा!

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने कहा कि ये तीनों लश्कर आतंकवादी पाकिस्तान में बैठे संगठन के आकांओं के सीधे संपर्क में थे और हथियार व नकदी पाने के लिए ही वे दक्षिण कश्मीर से यहां आए थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 04:56 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 05:44 PM (IST)
Militancy in Jammu Kashmir: राजौरी से गिरफ्तार 3 लश्कर आतंकियों तक कैसे पहुंची हथियारों की खेप, डीजीपी ने किया बड़ा खुलासा!
Militancy in Jammu Kashmir: राजौरी से गिरफ्तार 3 लश्कर आतंकियों तक कैसे पहुंची हथियारों की खेप, डीजीपी ने किया बड़ा खुलासा!

राजौरी, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि राजौरी में गिरफ्तार किए गए लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी जो कश्मीर से हैं, उन्हें जिला राजौरी में एलओसी के पास एक ड्रोन से हथियार की खेप और नकदी मिली थी। वह यह हथियार लेने के लिए ही यहां आए थे। 

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जिला राजौरी में पत्रकारों से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने कहा कि ये तीनों लश्कर आतंकवादी पाकिस्तान में बैठे संगठन के आकांओं के सीधे संपर्क में थे और हथियार व नकदी पाने के लिए ही वे दक्षिण कश्मीर से यहां आए थे।जिला राजौरी में पत्रकारों से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने कहा कि ये तीनों लश्कर आतंकवादी पाकिस्तान में बैठे संगठन के आकांओं के सीधे संपर्क में थे और हथियार व नकदी पाने के लिए ही वे दक्षिण कश्मीर से यहां आए थे।

गत शुक्रवार को पुलिस और सेना की 38 आरआर यूनिट को इसका पता चल गया। उन्होंने तीनों आतंकवादियों का पीछा किया। आतंकवादियों ने इस दौरान सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले भी किए परंतु सौभाग्य से विस्फोट नहीं हुए। काफी जद्दोजहद के बाद तीनों आतंकियों को जिंदा पकड़ लिया गया। इन दिनों आतंकियों ने माना कि वे लश्कर के लिए काम करते हैं। वह पाकिस्तान में बैठे संगठन के आकांओं के संपर्क में थे और ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान से भेजे गए हथियार और नकदी हासिल करने के लिए यहां आए थे।

डीपीजी ने कहा कि पाकिस्तान का यह पूरा प्रयास है कि वह जिला राजौरी और पुंछ में आतंकवाद को फिर जिंदा करे। गिरफ्तार आतंकियों के कब्जे से दो एके 56 राइफल, दो पिस्तौल, चार हथगोले और 1 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इस हथियार की खेप और नकदी का उद्देश्य कश्मीर में उग्रवाद को बढ़ावा देना था। उन्होंने बताया कि तीनों आतंकवादियों से पूछताछ की जा रही है।

उन्होंने कहा कि एलओसी पर ड्रोन की मदद से हथियार पहुंचाने का पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों ने पहली बार प्रयास नहीं किया है। यह यहां दूसरा प्रयास था। इससे पहले जिला सांबा में आतंकवादियों ने इस तरह का प्रयास किया था। अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ जवानों ने ड्रोन को गिराकर उनके इस प्रयास को विफल बना दिया था। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि हम इस चुनौती से अवगत हैं। जल्द ही जवाबी रणनीति तैयार की जाएगी।

नशे के कारोबार से भी जुड़े हैं आतंकवाद के तार

वहीं संवाददाता सम्मेलन में मौजूद आइजीपी जम्मू मुकेश सिंह ने एक ओर बड़ा खुलासा करते हुए पत्रकारों को बताया कि नशे का कारोबार भी आतंकवाद से जुड़ा हुआ है। उन्होंने 14 सितंबर का हवाला देते हुए बताया कि कुलगाम में एक विशेष अभियान के दौरान पुलिस ने हेरोइन की बहुत बड़ी खेप पकड़ी। हेरोइन का वजन 7 किलोग्राम के करीब था और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करोड़ों में बताई जाती है। इस दौरान एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया। पूछताछ करने पर उसने जिला पुंछ के तीन लोगों का नाम बताया और पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। तलाशी लेने पर उनसे भी चार किलो से अधिक हेरोइन आइईडी बनाने की सामग्री और एक पेन ड्राइव बरामद की गई। पेन ड्राइव की जब जांच की गई तो पाया गया कि उसमें आइईडी तैयार करने की जानकारी दी गई थी। आइजीपी जम्मू ने बताया कि पूरे अभियान के दौरान 12 करोड़ रुपये मूल्य की हेरोइन बरामद की गई। पूछताछ करने पर पता चला कि यह हेरोइन की खेप भी पाकिस्तान से भेजी गई थी परंतु इसे ड्रोन की मदद से नहीं बल्कि एक अलग विधि को अपनाते हुए सीमा पार भेजा गया।


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