डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा आतंकवादियों तक हथियार पहुंचाने के लिए अब यूएवी का इस्तेमाल कर रहा पाकिस्तान
ऐसे में पाकिस्तान अब ड्रोन (यूएवी) के माध्यम से आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद भेजने की कोशिश कर रहा है।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए नई-नई तकनीक अपना रहा है। कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों तक हथियार व गोलाबारूद पहुंचाने के लिए अब वह मानव रहित हवाई जहाज (यूएवी) का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसी कई घटनाओं का पता चला है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 200 से कम आतंकवादी सक्रिय हैं। इस वर्ष अब तक सीमा पार से केवल 26 आतंकवादी केंद्र शासित प्रदेश में प्रवेश कर सके हैं।
डीजीपी ने बताया कि कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों के पास हथियारों की कमी है। ऐसे में पाकिस्तान अब ड्रोन (यूएवी) के माध्यम से आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद भेजने की कोशिश कर रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों ने ऐसी कई घटनाओं का पता भी लगाया है। उन्होंने बताया कि कुपवाड़ा, हीरानगर, कठुआ और राजौरी में पाकिस्तानी यूएवी के जरिए हथियार भेजने का प्रयास कर चुका है। इसी तरह का प्रयास पंजाब सीमांत इलाके में भी किया गया था। यहां सक्रिय आतंकवादियों के पास हथियारों की भारी कमी है।
सीजफायर उल्लंघन में भी हुई वृद्धि: डीजीपी ने कहा कि अपनी नापाक साजिशों को पूरा न होते देख पाकिस्तान काफी हताश है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ बढ़ाने के इरादे से ही उसने सीमा पर सीजफायर उल्लंघन बढ़ा दिया है। इस साल की शुरूआत से अब तक यानी इन सात महीनों में सीमा पार से 75 प्रतिशत अधिक गोलीबारी हुई है। 2019 में इसी अवधि तक पाकिस्तान ने 267 बार सीजफायर का उल्लंघन किया था। इस साल जुलाई तक पाकिस्तान ने 487 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। दरअसल यह गोलाबारी आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए करवाई जा रही है। गाेलाबारी की आड़ में करीब 26 आतंकवादियों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ किया।
आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान जारी: डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों का आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज हुआ है। यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या कम होकर 200 पहुंच गई है। कुछ साल पहले ये संख्या 300 से 350 के करीब थी। यही नहीं इस साल घाटी के करीब 80 युवा अलग-अलग आतंकी संगठनों में शामिल हुए। इनमें से करीब 38 मारे जा चुके हैं जबकि 22 को गिरफ्तार किया गया है। अभी भी 20 सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की राह ज्यादा लंबी नहीं है। आतंकवादी का जीवन 90 दिनों से अधिक नहीं है।
इस साल 150 आतंकी मारे गए: डीजीपी सिंह ने कहा कि 2020 में अब तक 150 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। इनमें 30 विदेशी, 39 टॉप कमांडर भी शामिल हैं। इस समय कई आतंकवादी संगठन नेतृत्वहीन हैं और हथियारों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। पिछले दो वर्षों में आतंकवाद विरोधी अभियानों की सफलता का दावा करते हुए डीजीपी ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी (जेके), हुर्रियत के अधिकांश नेताओं समेत ओजीडब्ल्यू हिरासत में हैं। इससे आतंकियों की फंडिंग रूक गई है। आतंककी घटनाओं में भी 70 फीसदी कमी आई है। वर्ष 2018 के पहले सात महीनों में जहां 199 आतंकी हमले हुए वहीं इस साल इस अविध में 124 घटनाएं पेश आई हैं।