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डीजीपी दिलबाग सिंह बोले- ड्रोन से फेंके विस्फोटक से जम्मू के भीड़भाड़ क्षेत्र थे निशाने पर

डीजीपी ने कहा कि आतंकी संगठनों से ड्रोन से मिल रही चुनौती सुरक्षा की ²ष्टि से बड़ी है। इससे निपटने के लिए और अधिक प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इस सुरक्षा चुनौती को आसानी से निष्क्रिय कर दिया जाए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 08:46 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 08:46 AM (IST)
डीजीपी दिलबाग सिंह बोले- ड्रोन से फेंके विस्फोटक से जम्मू के भीड़भाड़ क्षेत्र थे निशाने पर
यह हैक्साकॉप्टर चीन और ताइवान के कलपुर्जो को जोड़ तैयार किया था।

जम्मू, जागरण संवाददाता: सरहद पार से आए ड्रोन में बंधे विस्फोटक आइईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी जम्मू शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों और आसपास कस्बों में कई धमाके करने की फिराक में थे। गिराए गए ड्रोन की जांच की तो पता चला कि चीन और ताईवान के कलपुर्जो को जोड़ तैयार किया था। जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने साजिश से पर्दा उठाते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस को लेकर पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में बड़ी वारदात की फिराक में है।

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गौरतलब है कि 23 जून पाकिस्तानी ड्रोन हैक्साकॉप्टर में करीब पांच किलो शक्तिशाली आइईडी को बांध सीमावर्ती क्षेत्र कानाचक्क के एक गांव में पुलिस ने सटीक निशाने से मार गिराया था। उठाया।

डीजीपी दिलबाग ने कहा कि पाकिस्तानी सेना आतंकियों की मदद करने के लिए ड्रोन से हथियार और विस्फोटक भारतीय क्षेत्र में पहुंचाने में लगातार कोशिश कर रहा है। सरहद पर मुस्तैद जवानों के कारण लश्कर और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी हथियार की कमी से जूझ रहे हैं। आतंकरोधी अभियानां में दोनों संगठनों के आतंकी और ओवरग्राउंड वर्कर पकड़े या मारे जा रहे हैं।

आतंकियों के पास हथियारों की काफी कमी हो गई है। इनकी भरपाई करने के लिए पाक अब ड्रोन हथियार व गोलाबारूद के अलावा नकदी भारतीय क्षेत्रों में गिराकर आतंकियों की मदद करने में लगा है। उन्होंने कहा कि जैश और लश्कर जम्मू संभाग विशेषकर जम्मू शहर के भीड़वाले इलाकों में धमाके कर जानमाल की भारी तबाही को अंजाम देने की फिराक में थे। डीजीपी ने कहा 23 जुलाई को जो ड्रोन कानाचक्क के गुढ़ा पत्तन इलाके में गिराया ऐसा ही एक ड्रोन साल पहले जिला कठुआ के हीरानगर सेक्टर में मार गिराया था। हैक्साकॉप्टर के मिले अवशेष से पता चलता है कि यह चीन और ताइवान के कलपुर्जो को जोड़ तैयार किया था।

ड्रोन से मिल रही सुरक्षा चुनौती : डीजीपी ने कहा कि आतंकी संगठनों से ड्रोन से मिल रही चुनौती सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी है। इससे निपटने के लिए और अधिक प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि इस सुरक्षा चुनौती को आसानी से निष्क्रिय कर दिया जाए। इससे पहले 27 जून को एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से गिराए दो बम विस्फोटों का इस्तेमाल हुआ उसकी जांच में पता चला है कि यह विस्फोटक पाकिस्तान की आर्डिनेंस फैक्टरी का बना था। शुरुआत में पाकिस्तानी ड्रोन की घटनाओं ने हमें हैरत में डाला, लेकिन इससे निपटने के लिए रणनीति तैयार की गई है। मुझे खुशी है कि ड्रोन से हथियार,मादक पर्दार्थों को गिराने की दुश्मनों की नीति को देखेते हुए सुरक्षा बलों और सेना ने पूरी तरह तैयारी कर ली है। अभी तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 41 बार ड्रोन आने की सूचनाएं मिली, जिनमें से 22 बार ड्रोन को सुरक्षाबलों ने पकड़ा है। 


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