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J&K: डीजीपी दिलबाग सिंह ने विघटनकारी तत्वों के खिलाफ मुहिम तेज करने का दिया निर्देश

कानून-व्यवस्था और सुरक्षा का माहौल बनाए रखने के लिए पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सराहते हुए कहा कि जमूमू कश्मीर में शांति व सुरक्षा का माहौल बनाए रखना एक बड़ी कठिन चुनौती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 01:00 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 01:08 PM (IST)
J&K: डीजीपी दिलबाग सिंह ने विघटनकारी तत्वों के खिलाफ मुहिम तेज करने का दिया निर्देश
J&K: डीजीपी दिलबाग सिंह ने विघटनकारी तत्वों के खिलाफ मुहिम तेज करने का दिया निर्देश

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि शांति और सुरक्षा का माहौल बनाए रखने के लिए पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को शरारती, राष्ट्रविरोधी और अन्य विघटनकारी तत्वों के खिलाफ मिलकर सुनियोजित तरीके से अपने अभियान जारी रखने का निर्देश दिया।

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उन्होंने कहा कि राज्य में अगर आज हालात बेहतर हैं तो यह सभी सुरक्षा एजेंसियों के सामूहिक प्रयासों से ही है। मौजूदा हालात में राष्ट्रविरोधी तत्व हालात बिगाडऩे के लिए हर संभव साजिश कर रहे हैं,इसलिए हमें पूरी तरह सतर्क रहते हुए उनके मंसूबों को नाकाम बनाना है। वह बुधवार को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में एक उच्चस्तरीय बैठक में कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान बोल रहे थे।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कानून-व्यवस्था और सुरक्षा का माहौल बनाए रखने के लिए पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सराहते हुए कहा कि जमूमू कश्मीर में शांति व सुरक्षा का माहौल बनाए रखना एक बड़ी कठिन चुनौती है। उन्होंने सभी सुरक्षा एजेसंयिों के साथ पूरा समन्वय और सहयोग बनाए रखने पर जोर देते हए कहा कि शरारती तत्वों के हर मंसूबे का नाकाम बनाया जाए। शरारती और राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ सतख्ती से निपटा जाए। कानूनपालक नागरिकों की पूरी मदद की जाए।

आतंकी तारिक ने 90 हजार में खरीदी बंदूक

किश्तवाड़। जम्मू संभाग के किश्तवाड़ के इखाला में मंगलवार को मुठभेड़ में घायल हालत में पकड़े गए हिजुबल मुजाहिदीन के आंतकी तारिक हुसैन से कुछ खुलासे हुए हैं। हालांकि वह अभी अस्पताल में ही भर्ती है। सूत्रों के अनुसार तारिक ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए 303 बोर की बंदूक 90 हजार रुपये में खरीदी थी। यह बंदूक पहले दक्षिण इलाके के ही किसी स्थानीय व्यक्ति के पास थी। इसका लाइसेंस नहीं होने से बंदूक को घर में छुपा रखा था। बाद में बंदूक उसी गांव के किसी दूसरे व्यक्ति को 70 हजार में बेच दी। आगे यही बंदूक आंतकी बन चुके तारिक को 90 हजार रुपये में बेच दी। पुलिस उन लोगों से भी पूछताछ कर रही है जिन्होंने बंदूक को खरीदा और बेचा।


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