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Corona Warriors: बहन की तरह देखभाल कर रहीं ‘सिस्टर’, कश्मीर में चार नर्सो के संक्रमित होने पर भी निष्ठा से कर रहीं सेवा

गांधीनगर अस्पताल हो या जीएमसी व एसएमजीएस हर जगह ये नर्सिंग स्टाफ आइसोलेशन वार्ड से लेकर ओपीडी तक नजर आता है। मरीजों को दवाई देने से लेकर इंजेक्शन लगाने तक सारी जिम्मेदारी उनकी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 03:18 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 03:18 PM (IST)
Corona Warriors: बहन की तरह देखभाल कर रहीं ‘सिस्टर’, कश्मीर में चार नर्सो के संक्रमित होने पर भी निष्ठा से कर रहीं सेवा
Corona Warriors: बहन की तरह देखभाल कर रहीं ‘सिस्टर’, कश्मीर में चार नर्सो के संक्रमित होने पर भी निष्ठा से कर रहीं सेवा

जम्मू, रोहित जंडियाल। कोविड अस्पतालों के बाहर से कोई गुजरने से भी डरता है, ऐसे में नर्स बहन बनकर मरीजों की पूरी निष्ठा से देखभाल कर रही हैं। उन्हें यह अहसास नहीं होने देती कि वे अपनों से दूर हैं। कश्मीर में चार नर्सो के संक्रमित होने के बावजूद वे मरीजों के इलाज में अहम भूमिका निभा रही हैं। उनके लिए यह मरीज भी अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों की तरह ही हैं।

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जम्मू में इस समय सीडी अस्पताल, गांधीनगर व मनोरोग अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। इसके अलावा एसएमजीएस अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना वायरस के मरीजों को रखा जा रहा है। इन अस्पतालों में मरीजों के इलाज में नर्सिग स्टाफ की अहम भूमिका है। यह पूरा दिन विभिन्न शिफ्टों में मरीजों की देखभाल कर रही हैं। शुरू में कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल करने में सहमी हुई थीं, लेकिन अब सामान्य मरीजों की तरह उनका इलाज कर रही हैं।

गांधीनगर अस्पताल हो या जीएमसी व एसएमजीएस, हर जगह ये नर्सिंग स्टाफ आइसोलेशन वार्ड से लेकर ओपीडी तक नजर आता है। मरीजों को दवाई देने से लेकर इंजेक्शन लगाने तक सारी जिम्मेदारी उनकी है। कोविड ड्यूटी दे रही नर्सेस तो अपने घर भी नहीं जा रही हैं। वे अस्पतालों से होटलों और फिर होटलों से अस्पतालों में ही वापस जाती हैं। अगर किसी का जन्मदिन आया हो या फिर किसी की शादी की सालगिरह तो भी उन्होंने अपनों से दूर होटलों में ही मनाई है। गांधीनगर अस्पताल में तैनात नर्स आशा देवी का कुछ दिन पहले जन्मदिन था। उन्होंने इसे होटल में ही मनाया। इसमें सिर्फ उनकी चंद सहयोगी स्टाफ सदस्य ही एक-एक कर बधाई देने आई थीं। परिजनों ने फोन पर ही बधाई दी।

  • मरीजों का बेहतर इलाज करना ही ड्यूटीः कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को इस समय नर्सिग स्टाफ की अधिक जरूरत है। उनकी ड्यूटी अस्पताल में भर्ती मरीजों की देखभाल के अलावा सभी सामान उपलब्ध करवाना है। खुद भी संक्रमित होने की आशंका रहती है, लेकिन अगर यह सोचने लगेंगे तो मरीजों की देखभाल कौन करेगा? उनका काम मरीजों की सेवा कर उनका बेहतर इलाज करना है। - पवनजीत कौर, एसएमजीएस अस्पताल
  • परिजनों के न होने का अहसास नहीं होने दिया जाताः कोविड मरीजों के आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी देते समय थोड़ा डर था, लेकिन एक बार मरीजों से मिलने के बाद डर नहीं रहता। सभी मरीज एक जैसे हैं। हां, इसमें ड्यूटी के बाद घर आना मुश्किल है। इसलिए ड्यूटी के बाद अस्पताल से होटल और फिर वहीं से अस्पताल जाते हैं। मरीज की देखभाल करते समय उन्हें यह अहसास नहीं होने दिया जाता कि उनके परिजन साथ नहीं हैं। - मनप्रीत कौर, जीएमसी जम्मू
  • 24 घंटे होती है देखभालः अस्पताल में ड्यूटी के दौरान जब मरीज पॉजिटिव आया तो कई स्टाफ सदस्यों को क्वारंटाइन कर दिया गया। उस समय थोड़ा डर लगता है, लेकिन यह ड्यूटी का हिस्सा है। इस समय नर्सिग स्टाफ की अहम भूमिका है और सभी ड्यूटी दे रही हैं। जब भी अस्पताल में कोविड का मरीज आता है, उसकी 24 घंटे देखभाल होती है। -रीटा देवी, एसएमजीएस अस्पताल
  • मासूम चॉकलेट मांगते हैंः अस्पताल में बच्चे भी संक्रमित होकर भर्ती हुए। बच्चे कई बार चॉकलेट तक खाने की फरमाइश करते थे। बुरा लगता है, जब इतने छोटे बच्चे भी संक्रमित होकर अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं, लेकिन यह ड्यूटी का हिस्सा है। - नीरू शर्मा, एसएमजीएस अस्पताल
  • सभी को देते बराबर इलाजः सभी मरीजों का इलाज एक जैसा होता है। हमारे लिए यह मायने नहीं रखता कि मरीज कौन है। हमारा काम उन्हें समय पर दवा देना और इंजेक्शन लगना है। कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने में भी यही स्थिति है। -लवली रैना, एसएमजीएस अस्पताल

 

  • कोई हो सकता है संक्रमित मरीज का क्या कसूरः अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बच्चे भी इलाज करवाने आ रहे हैं। उन बच्चों की देखभाल कर अच्छा लगता है। कोरोना से कोई भी संक्रमित हो सकता है। इसमें मरीज का क्या कसूर। उनका काम हर मरीज की बेहतर देखभाल करना है। बस यही सोच कर आइसोलेशन वार्ड में हर नर्स अपनी ड्यूटी देती है। - प्रीतो देवी, गांधीनगर अस्पताल
  • संक्रमण की रहती है आशंका पर ड्यूटी देना प्राथमिकताः कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन सभी ड्यूटी दे रही हैं। हमारी कई साथी कश्मीर में संक्रमित हुई हैं। यहां पर भी संक्रमण की आशंका रहती है, लेकिन इस समय ड्यूटी देना ही हमारी प्राथमिकता है। यही कारण है कई मरीज ठीक होकर घर जा रहे हैं। - भूपेंद्र कौर, मेडिकल कॉलेज जम्मू
  • अगली पंक्ति में होता है नर्सिग स्टाफः कोरोना वायरस के मरीजों की कोई जानकारी नहीं होती है। अस्पताल में कई ऐसे मरीज आए, जिनकी कोई हिस्ट्री नहीं थी। बाद में पॉजिटिव आए। नर्सिस स्टाफ हमेशा अगली पंक्ति में खड़ा होता है। ऐसे में संक्रमण की आशंका अधिक रहती है, लेकिन इस समय सभी अपनी ड्यूटी देने में व्यस्त हैं। -संतोष, एसएमजीएस अस्पताल
  • हमारे लिए मरीज ही हैं अपना परिवारः कोरोना वायरस के मरीज जब शुरू में आए थे तो उस समय सभी डरे हुए थे। ड्यूटी देने से भी कतराते थे, लेकिन अब मरीजों के इलाज में नर्सिग स्टाफ का घर परिवार छूट गया है। हमारे लिए अब यह मरीज ही अपना परिवार है। कई ऐसे हैं जो कई सप्ताह से अपने घरों में नहीं जा सके हैं। समय की यही जरूरत है।  - अमनमीत कौर, गांधी नगर

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