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Jammu Kashmir : सीमा पार से ऑपरेशनल कमांडर ने भेजा आतंकवादियों को संदेश, कहा- नहीं भेज सकते हथियार

खुफिया एजेंसियों के यह संदेश पकड़े जाने से स्पष्ट हो गया है कि कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों के लिए आगे कुआं पीछे खाई जैसे हालात हैं। उनके लिए अपनी बिलों में छिप जाने के अलावा कोई विकल्प नही है।

By VikasEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 07:49 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 07:49 PM (IST)
Jammu Kashmir : सीमा पार से ऑपरेशनल कमांडर ने भेजा आतंकवादियों को संदेश, कहा- नहीं भेज सकते हथियार
सीमा पर सतर्क भारतीय सेना के जवान।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के लिए जमीन तंग हो गई है। एक और प्रदेश में सुरक्षाबल आतंकवादियों को तलाश कर मार रहे हैं तो दूसरी ओर सीमा पार से मदद भेजने वाले आतंकवादियों के आकाओं ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं।ऐसे हालात में जैश-ए- मोहम्मद के आपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर रौफ ने सीमा पार से कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को संदेश भेजा है कि अब उनके लिए सीमा पार से हथियार, जरूरी सामान भेजना संभव नहीं हो रहा है।

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खुफिया एजेंसियों के यह संदेश पकड़े जाने से स्पष्ट हो गया है कि कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों के लिए आगे कुआं, पीछे खाई जैसे हालात हैं। उनके लिए अपनी बिलों में छिप जाने के अलावा कोई विकल्प नही है।जैश का नंबर टू मुफ्ती असगर वैश्विक आतंकवादी व जैश के सरगना मसूद अजहर का छोटा भाई है। अजहर किे बीमार होने के बाद वह कश्मीर में जैश की गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं। उसी ने 4 आतंकवादियों को पाकिस्तान के बहावलपुर में ट्रैनिंग देकर कश्मीर भेजने की योजना बनाई थी।

नगरोटा के बन टोल प्लाजा में 19 नवंबर को इन आतंकवादियों के मारे जाने से जैश काे बड़ा धक्का लगा है। इस दौरान आतंकवादियों के लिए भेजे जा रही 11 एके राइफलें, 3 पिस्तोलें व 29 जीवित हथगोले, छह अंडर बेरल ग्रेनेड लांचर के हथगोले बरामद हुए थे। उनके किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के लिए भेजा जा रहा था। यह पहली बार थी जब आतंकवादियों के पास से इतना बड़ा जखीरा मिला। आतंकवादियों को मार गिराने के दो दो दिन बाद सीमा सुरक्षाबला ने सांबा सेक्टर में सीमा पर खोदी गई करीब डेढ़ सौ मीटर लंबी पाकिस्तान की सुरंग का भी पर्दाफाश कर दिया।खुफिया एजेंसियों के अनुसार हाल ही में सीमा पार से आतंकवादियों व हथियार भेजने की सारी कोशिशें नाकाम हुई हैं।

सीमा पर सुरंग से, फैसिंग पार कर घुसपैठ करवाने के साथ ड्रोन से हथियार भेजने की कोशिश को भी सुरक्षाबलों ने नकार दिया है। ऐसे में जैश-ए- मोहम्मद तंजीम भी खुद को पंगु महसूस कर रही है। ऐसे हालात में लश्कर-ए- तोएबा तंजीम ने मुजफ्फराबाद के चेलाबंदी में आतंकवादियों के लिए एक और कैंप बना दिया है। इसके साथ खैबर-पख्तूनाबाद के ओगी जंगलों में भी घुसपैठ के लिए 400 आतंकवादियों की ट्रैनिंग की जा रही है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार जैश के साथ अल बदर तंजीम भी छटपटा रहा है। यह तंजीम इस समय बांग्लादेश के रास्ते आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने के रास्ते तलाश रहे हैं।


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