पेयजल आपूर्ति प्रभावित होने पर कई इलाकों में सड़क पर फूटा गुस्सा
जागरण संवाददाता जम्मू जलशक्ति विभाग के डेलीवेजरों की शुक्रवार रात आठ बजे से जारी हड़
जागरण संवाददाता, जम्मू : जलशक्ति विभाग के डेलीवेजरों की शुक्रवार रात आठ बजे से जारी हड़ताल बुधवार को छठे दिन में दाखिल हो गई। हड़ताल के कारण शहर भर में पानी की सप्लाई काफी प्रभावित हो रही है। हालांकि विभाग की ओर से स्थायी कर्मचारियों के दम पर सप्लाई बहाली के प्रयास तो जारी हैं, लेकिन यह सब नाकाफी साबित हो रहे हैं। लोग पानी के लिए दरबदर हो रहे हैं। मिश्रीवाला में तो लोगों ने सड़कों पर आकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
शहर के तालाब तिल्लो, मुट्ठी, कैंप गोल गुजराल, संतरा मोड़, लोअर रूप नगर और अपर रूप नगर में तो बुधवार को दिन में 15 मिनट ही पानी की सप्लाई हो पाई, जबकि मिश्रीवाला में पानी की सप्लाई नहीं होने से लोगों को प्रदर्शन करना पड़ा। मिश्रीवाला के नायब सरपंच सुरजीत सिंह, स. मोहन सिंह, स. कुलवंत सिंह का कहना है कि पिछले पांच दिन से क्षेत्र में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। इससे उन्हें काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं। उनका कहना है कि कोरोना काल में कई लोग बेरोजगार हो गए हैं और जलशक्ति विभाग में पिछले कई वर्षों से कार्यरत डेलीवेजरों को नियमित रूप से वेतन की अदायगी नहीं की जा रही है तो अनुचित है। उन्होंने प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से डेलीवेजरों को स्थायी करने की अपील की है, ताकि वे हड़ताल समाप्त कर पानी की आपूर्ति को सुचारु कर सकें।
इस बीच पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट जम्मू प्रोविस के बैनर तले आज डेलीवेजर कर्मचारियों ने कंपनी बाग स्थित फिलिग स्टेशन, छन्नी हिम्मत स्थित सब डिवीजन, नरवाल सब डिवीजन साउथ जम्मू, छन्नी हिम्मत, तालाब तिल्लो, अखनूर और गोल गुजराल में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। डेलीवेजरों कछोड़ो हड़ताल से ग्रेटर कैलाश, छन्नी हिम्मत, बठिडी, विधाता नगर, अंबिका कॉलोनी, डिल्ली सहित अन्य क्षेत्रों में पानी की सप्लाई मात्र 10 मिनट के लिए ही की गई जो नाकाफी रही। पुराने शहर के अधिकतर मोहल्लों में भी सुबह और शाम को पांच से दस मिनट के लिए पानी की सप्लाई की गई। ------------------
हड़ताल बढ़ा सकता है पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट
पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट जम्मू संभाग के प्रचार सचिव रवि हंस का कहना है कि वीरवार रात आठ बजे तक घोषित डेलीवेजरों की हड़ताल बढ़ाई भी जा सकती है। उन्होंने रोष जताया कि जलशक्ति विभाग में 22 हजार से अधिक डेलीवेजर, कैजुअल, आइटीआइ ट्रेंड, लैंड डोनर्स और नीड बेस्ड कर्मचारियों को स्थायी नहीं किया गया है। ये सभी कर्मचारी पिछले कई वर्षों से दिन-रात काम में जुटे रहते हैं, लेकिन उनको स्थायी करने के लिए आज तक तत्कालीन सरकारों और मौजूदा सरकार ने कोई भी फैसला नहीं लिया। सरकार एक तरफ बेरोजगारी दूर करने की बड़ी-बड़ी बातें करती है, तो दूसरी ओर डेलीवेजर कर्मचारियों को स्थायी करने के लिए कोई कारगर नीति पर काम नहीं किया जा रहा है। वीरवार को फ्रंट के पदाधिकारियों की बैठक होगी और इसमें आम सहमति बनने के उपरांत काम छोड़ो हड़ताल की अवधि को बढ़ाने बारे फैसला लिया जा सकता है।