Maharaja Hari Singh Birth Anniversary : सैनिक कालोनी में महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा लगाने की मांग
जम्मू-कश्मीर एकमात्र एक ऐसा आजाद राज्य था जो अंग्रेजों के अधीन नही था। आज हम भारतीय हैं तो यह भी महाराजा के कारण ही संभव हुआ। अंग्रेज भी उनके नियमों की सराहना करते थे। उन्होंने प्रशासन और न्यायपालिका के लिए कई सुधार किए।
जम्मू, जागरण संवाददाता : शहर के सैनिक कालोनी में महाराजा हरि सिंह की जयंती की धूमधाम से मनाई गई। महाराजा हरि सिंह के नाम पर बने चौक पर उनकी फोटो पर पुष्प मालाएं चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यहां उनकी प्रतिमा लगाने की मांग की गई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ठाकुर जय सिंह ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर कॉरपोरेटर गुरमीत रंधावा, कॉरपोरेटर गौरव चोपड़ा और कॉरपोरेटर सोबत अली विशेष अतिथि थे। जय सिंह ने इस मौके पर महाराजा हरि सिंह के शासन के दौरान विकास और नियमों बारे बातें की।
उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर बांटे क्षेत्रों के लिए उन्होंने काम किया। उन्होंने हमेशा ही ऐतिहासिक फैसले लिए। इसके अलावा 26 अक्टूबर 1947 को भारत के साथ विलय किया। जम्मू-कश्मीर एकमात्र एक ऐसा आजाद राज्य था जो अंग्रेजों के अधीन नही था। आज हम भारतीय हैं तो यह भी महाराजा के कारण ही संभव हुआ। अंग्रेज भी उनके नियमों की सराहना करते थे। उन्होंने प्रशासन और न्यायपालिका के लिए कई सुधार किए। सिंह ने कहा कि महाराजा के समय जम्मू में 78 प्रतिशत मुस्लिम और 22 प्रतिशत हिंदू आबादी थी। इसके बावजूद हर समुदाय उनसे प्रेम करता था। उनको मानता था।
महाराजा ने ही हर महिला व पुरुष के लिए प्राइमरी शिक्षा को अनवािर्य बनवाया। इतना ही नहीं उन्होंने बाल विवाह को बंद करवाया था। कई धार्मिक स्थलों पर छोटी जात के लोगों को जाने की अनुमति प्रदान की। उन्होंने कई स्कूल खोले ताकि शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने प्रशासन में भ्रष्टाचार को जांचने के लिए कई तरीके अपनाए।
उन्होंने भीख मांगने पर प्रतिबंद लगाया। कहा जाता है कि उनके शासन काल में कोई रिश्वत लेने की सोच भी नहीं सकता था। उनका ज्यादा ध्यान कृषि पर रहता था। उन्होंने जम्मू शहर में रणवीर और प्रताप नहर का निर्माण करवाया। महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल भी उन्होंने बनवाया। इसके अलावा उन्होंने जम्मू, श्रीनगर और भद्रवाह में डिग्री कालेज भी बनवाया। वह पूरी तरह लोगों के लिए जीते थे।