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अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन सौंपने की फिर उठी आवाज

श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने उपराज्यपाल के समक्ष उठाया मुद्दा यात्रा की अवधि 30 दिन करने और गुफा के पास लगी ग्रिल हटाने की मांग ------

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 10:10 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 10:10 AM (IST)
अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन सौंपने की फिर उठी आवाज
अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन सौंपने की फिर उठी आवाज

राज्य ब्यूरो, जम्मू: श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड को जमीन सौंपने की मांग फिर उठाई गई है। इसके अलावा श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने श्री अमरनाथ यात्रा की अवधि घटाकर 30 दिन करने की मांग भी की है। इस संबंध में संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल जीसी मुर्मू से मुलाकात की है। संगठन ने यह भी मांग की है कि पवित्र गुफा पर हिमलिग के बाहर लगाई गई ग्रिल को हटाया जाए। साथ ही यात्रियों और हिमलिग के बीच फासले को थोड़ा बढ़ा दिया जाए ताकि कोई श्रद्धालु हिमलिग पर कोई वस्तु चढ़ा न सके।

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संगठन के प्रधान विजय ठाकुर और महासचिव राजन गुप्ता ने कहा कि उपराज्यपाल से यह भी आग्रह किया कि वन विभाग की भूमि श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड को सौंपी जाए ताकि श्रद्धालुओं को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि अब जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हट चुका है। साल 2008 में मंत्रिमंडल ने वन विभाग की 39.88 हेक्टयर भूमि श्राइन बोर्ड को सौंपने का आदेश दिया था, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों और अलगाववादियों के प्रदर्शन के बाद विवाद उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि पर्याप्त ढांचागत सुविधाओं के लिए जमीन फिर से बोर्ड को दी जाए। लंगर लगाने के लिए जमीन अलॉट की जाए और इस जमीन पर सब्सिडी दी जाए। इससे लंगर वाले स्थायी और अस्थायी ढांचे खड़े कर पाएं। इससे हर वर्ष होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि बाबा अमरनाथ यात्रा शुरू करने की तिथि 23 जून निर्धारित करने का वह स्वागत करते हैं, लेकिन इस बार भारी बर्फबारी के कारण निर्धारित तिथि पर यात्रा करना काफी मुश्किल है। यात्रा की अवधि में कटौती की जाए। इस बार यात्रा 42 दिन की रखी गई है। उन्होंने चार लंगर संगठनों को भेजे गए कारण बताओ नोटिस वापस लिए जाने के आश्वासन पर उपराज्यपाल का आभार जताया। पिछले वर्ष की यात्रा के दौरान चार लंगर संगठनों को यात्रा मार्ग पर लंगर लगाने को लेकर नोटिस दिए गए थे।


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