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दीयों से घर सजाएं, विदेशी पटाखे न चला पर्यावरण बचाएं

वैश्विक महामारी कोरोना को रोकथाम की मुहिम के चलते जम्मू वासी विदेशी आतिशबाजी नकारने का मन बना चुके हैं। जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र के भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा सहित जम्मू के कई प्रमुख निवासी विदेशी पटाखों से परहेज कर सेहत व पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूकता मुहिम से जुड़ गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 08:47 AM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 08:47 AM (IST)
दीयों से घर सजाएं, विदेशी पटाखे न चला पर्यावरण बचाएं
दीयों से घर सजाएं, विदेशी पटाखे न चला पर्यावरण बचाएं

राज्य ब्यूरो, जम्मू : वैश्विक महामारी कोरोना को रोकथाम की मुहिम के चलते जम्मू वासी विदेशी आतिशबाजी नकारने का मन बना चुके हैं। जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र के भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा सहित जम्मू के कई प्रमुख निवासी विदेशी पटाखों से परहेज कर सेहत व पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूकता मुहिम से जुड़ गए हैं।

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केंद्र सरकार की ओर से भी सचेत किया गया है कि सर्दियों में प्रदूषण के स्तर के वृद्धि से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आ सकती है। दीवाली के प्रदूषण का मुख्य कारण विदेशी पटाखे होते हैं। ऐसे में विदेशी पटाखों पर अंकुश लगाने की प्रशासन की कार्रवाई के साथ लोग स्वेच्छा से भी इनके खिलाफ सामने आ रहे हैं।

भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा का कहना है कि लोग इस दीवाली पर दिए जलाकर घर सजाएं। वे विदेशी पटाखे न चलाकर स्वास्थ्य, पर्यावरण को बचाने के साथ साथ कोरोना को भी हराएं। पटाखों से पैसे की बर्बादी तो होती ही है, इनसे पर्यावरण को होने वाला नुकसान बाद में कई प्रकार की बीमारियों का कारण भी बनता है। युवा भी दीवाली का त्यौहार जिम्मेवारी से मनाकर इसी खुशियों को देश में निर्मित दीपक से दुगना करें।

वीर चक्र विजेता कर्नल विरेन्द्र साही का कहना है कि विदेशी पटाखे जानलेवा है। इनका प्रदूषण कोरोना को शह देकर बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। ऐसे में लोगों को सचेत किया जा रहा है कि वे विदेशी पटाखों से दूरी बनाए रखें। विदेशी पटाखों में इस्तेमाल होने वाले बारूद का दुआं अस्थमा की बीमारी का बड़ा कारण बन सकता है। कोरोना से जो हालात बने हुए हैं, उनमें खुद को बचाना बहुत जरूरी है।

विदेशी पटाखों के विरोध में पूरे देश में लहर है, ऐसे में जम्मू में भी लोगों का इस मुहिम में हिस्सा बनना जरूरी है।

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प्रदूषण के मानकों पर खरे नहीं उतरते विदेशी पटाखे

फिजियोथेरेपिस्ट डा. प्रदीप महोत्रा का कहना है कि प्रदूषण देशवासियों की सेहत के लिए खतरा है, विदेशी पटाखे प्रदूषण के मानकों पर खरे नहीं उतरते और प्रदूषण का मुख्य कारण बनते हैं। उनका इस्तेमाल करना सीधे सीधे अपनी जान को जोखिम में डालना है।


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