Move to Jagran APP

दरवाजे के खोलते ही सरहद पार से आ गई मौत...

अरनिया सेक्टर में पाकिस्तान से की जा रही गोलाबारी की वजह से दहशत का माहौल है। गोलाबारी की आशंका से लोग रात को सो नही पाते है

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 18 Sep 2017 02:53 PM (IST)Updated: Mon, 18 Sep 2017 05:13 PM (IST)
दरवाजे के खोलते ही सरहद पार से आ गई मौत...
दरवाजे के खोलते ही सरहद पार से आ गई मौत...

 जम्मू, [राज्य ब्यूरो] । चुन्नी लाल के घर मे मातम फैलाने के लिए मौत दरवाजे के रास्ते से अंदर आई। जम्मू के बिश्नाह के अरनिया मे सीमा से करीब छह किलोमीटर दूर स्थित अला गांव मे रात ढाई बजे रत्नो देवी के घर का दरवाजा खोलते ही आंगन मे मोर्टार का शेल फटा। वह, पति व बहू के साथ घायल हो गई। परिवार रात को दस बजे गोलाबारी शुरू होने के बाद से ही घर के अंदर कैद हो गया था।

loksabha election banner

ढाई बजे मौका देखकर शौच जाने के लिए जैसे ही सास-बहू ने दरवाजा खोला, उसी समय शेल फटा व उसके टुकड़े शरीर को छलनी कर गए। सास दरवाजे पर थी। ऐसे मे वह अधिक घायल हुई। बहू रजनी देवी पत्नी सुभाष चंद्र भी गंभीर रूप से घायल हो गई। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। रविवार दोपहर को उनका ऑपरेशन हुआ। जम्मू के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डिजास्टर वार्ड मे उपचार के लिए लाई गई रत्नो देवी के पति चुन्नी लाल ने बताया कि अगर दरवाजा नही खोला होता तो शायद पत्नी की जान बच जाती।

अरनिया मे भारी गोलाबारी  ग्रामीणो का पलायन शुरू

सीमा पर लगातार चौथे दिन भी पाक गोलाबारी जारी रही। रविवार सुबह जम्मू के सीमांत क्षेत्र अरनिया में पाक रेजर्स ने लगातार आठ घंटे तक भारी गोलाबारी की जिसमे एक महिला की मौत और तीन ग्रामीण घायल हो गए। शाम ढलते ही डेढ़ दर्जन गांवो से करीब पांच हजार ग्रामीण पलायन कर गए है। प्रशासन ने उन्हे कैंपों में ठहराया है। रात साढ़े नौ बजे से पाक ने फिर गोलाबारी शुरू कर दी। वही शनिवार को पाक गोलाबारी मे रिहायशी क्षेत्रो को पहुंचे नुकसान के बाद बीएसएफ की ओर से जवाबी कार्रवाई मे सीमा पार पांच लोग मारे गए। पाक की कई चौकियो को भी नुकसान पहुंचा है। बीते चार दिन मे पाक के सियालकोट सेक्टर मे बीएसएफ कार्रवाई मे दो रेजर्स समेत दस लोगो की मौत और बारह लोग घायल हो चुके है।

पाक रेजर्स ने 12 चौकियो से शनिवार मध्य रात्रि से लगातार गोलाबारी कर सीमांत क्षेत्र को दहला दिया है। 15 भारतीय चौकियो को निशाने बनाने के अलावा पाक ने गोलाबारी की रेज बढ़ाते हुए अरनिया कस्बे तक गोले दागे। सुबह छह बजे तक जारी रही गोलाबारी मे कई मवेशियो की मौत के साथ घरो को भी नुकसान पहुंचा है। सीमांत गांवो मे अधिकांश लोग धीरे-धीरे सुरक्षित जगहो पर निकलने लगे है। जिला प्रशासन ने बिश्नाह मे नौ कैप स्थापित किए है। इनमे हायर सेकेडरी स्कूल स्लैड, पंचायतघर लुसवाड़ा में बने कैपो मे ग्रामीणो का पहुंचना शुरू हो गया है। रात को फिर से गोलाबारी शुरू होने के बाद हजारो की संख्या में लोग घरबार छोड़ कैपों में पहुंच गए है।

अरनिया के अला गांव मे शनिवार मध्य रात्रि साढ़े तीन बजे एक घर मे मोर्टार शेल गिरने से महिला समेत 3 लोग घायल हो गए थे। गंभीर रूप से घायल पचास वर्षीय महिला रत्नो देवी, पत्नी चुन्नी लाल की जम्मू मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे मौत हो गई। चुन्नी लाल की हालात अब खतरे से बाहर है। परिवार के तीसरे सदस्य रजनी देवी पत्नी सुभाष चंद्र को गंभीर चोटे आई। सीमा सुरक्षा बल ने कड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की कई चौकियो को निशाना बनाया है। रिहायशी इलाको मे भारी नुकसान हुआ है। सीमा पार मस्जिदो से हो रही घोषणाओ मे शनिवार रात के बाद से पांच लोगो के मरने व इतने के ही घायल होने की पुष्टि हुई है। 

पाक को करारा जवाब मिल रहा : आइजी

सीमा सुरक्षा बल के जम्मू फ्रंटियर के आइजी राम अवतार ने जागरण को बताया कि पाकिस्तान की गोलाबारी का कड़ा जवाब दिया जा रहा है। जवानों का हौसला बुलंद है। वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे सतर्क है। इसी बीच गोलाबारी से सीमांत क्षेत्रो में भारी दहशत है।

 डीसी ने हालात का जायजा लिया

डीसी कुमार राजीव रंजन व आइजीपी एसडीपी सिंह ने सीमा का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होने लोगो को एहतियात बरतने की हिदायत देने के साथ प्रशासन को निर्देश दिए कि प्रभावितो को हर प्रकार की सहायता दी जाए।

पाक गोलाबारी की आशंका से सीमांत क्षेत्रवासी दहशतजदा

अरनिया सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से पिछले तीन दिनो से की जा रही गोलाबारी की वजह से हीरानगर सेक्टर मे भी दहशत का माहौल है। गोलाबारी की आशंका से लोग रात को सो नही पाते है। ग्रामीणों का कहना है कि पाकिस्तान हर वर्ष सितंबर व अक्टूबर में गोलाबारी शुरू कर देता है और इसकी शुरुआत पहले अरनिया से होती है। उसके बाद सांबा व हीरानगर मे भी गोलाबारी शुरू हो जाती है।

क्षेत्र निवासी तरसेम लाल, बंसी लाल, प्रमोद कुमार, सतपाल का कहना है कि तीन वर्ष से सरकार ने सीमांत लोगों की सुरक्षा के लिए कोई भी प्रबंध नही किए है। गोलाबारी के दौरान सरकार सिर्फ शिविर लगा कर खानापूर्ति कर देती है, कोई स्थायी हल नही निकल रहा। सरकार को एक ही बार सभी गांवो को खाली करवा कर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।

वही, अरनिया सेक्टर मे हो रही गोलाबारी से उपजे तनाव को देखते हुए प्रशासन ने सीमांत लोगो को सतर्क रहने की हिदायत दी है। एसडीएम हीरानगर सुरेश शर्मा ने सीमांत गांवो का दौरा कर लोगो को रात के समय सतर्कता बरतने की बात कही। उन्होने कहा कि अभी हालात इतने खराब नही है। अगर जरूरत पड़ी तो पहले की तरह लोगो को शिविरो तक पहंुचाने का प्रबंध किए जाएंगे। उन्होने कहा कि रात के समय नियमित बिजली देने के बिजली विभाग के अधिकारियो को आदेश दिए है। अगर कोई परेशानी हो तो तहसील कार्यालय मे सूचित कर सकते है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.