Jammu: डॉक्टर की बर्खास्तगी के बाद महिला के पति से हुई पूछताछ, एसडीएम को 5 दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा
एसडीएम रामकेश शर्मा से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह जिला अस्पताल में गए थे और प्राथमिक तौर पर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने गर्भवती महिला के पति देवेन्द्र कुमार से जानकारी हासिल की।
सांबा, संवाद सहयोगी: जिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के बाद सड़क के किनारे गर्भवती महिला के एक बच्ची को जन्म देने के मामले में डिप्टी कमिश्नर रोहित खजुरिया ने कैजुयलिटी मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए थे। इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी घगवाल के एसडीएम रामकेश शर्मा को दी गई है। गत दिवस एक प्रवासी श्रमिक गर्भवती महिला जिला अस्पताल में अपने पति के साथ आई थी।
वह जिला अस्पताल में प्रसव करवाने के लिए आई थी परन्तु वहां पर स्वास्थ्य कर्मियों ने उसकी कोरोना जांच न होने के लिए पहले जांच करवाने हेतु कहा था। उसे घगवाल के अस्पताल जाने या फिर जम्मू रेफर किया जा रहा था। इसी बीच गर्भवती महिला लीलम देवी व उसके पति देवेन्द्र कुमार ने स्डिको में अपने किराए के मकान में ही जाना उचित समझा। वह जिला अस्पताल से पैदल ही निकल दिए और घर की ओर जा रहे थे कि अस्पताल से अभी लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर ही उसकी हालत खराब हो गई और उसने सड़क के किनारे पर ही एक बच्ची को जन्म दे दिया था। इस सारे मामले के बाद जिला अस्पताल के डाक्टरों की काफी किरकिरी हो रही थी जिसके बाद डीसी रोहित खजुरिया ने उस समय तैनात कैज्युलिटी मेडिकल आफिसर डा. अनिल पनसोत्रा को सस्पेंड कर दिया था।
इस सारे मामले की जांच एसडीएम घगवाल रामकेश शर्मा को दी गई है और पांच दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। वहीं जब इस बाबत एसडीएम रामकेश शर्मा से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह जिला अस्पताल में गए थे और प्राथमिक तौर पर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल गर्भवती महिला के पति देवेन्द्र कुमार से कुछ जानकारी हासिल की है। अगले दो दिनों में पूरी जानकारी हासिल कर इस पूरे प्रकरण की जांच की रिपोर्ट पेश की जाएगी। विदित रहे कि एसडीएम को पांच दिनों के भीतर इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।