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Coronavirus: कोरोना से बचाव के लिए जम्मू में बाजार हुए बंद, सिर्फ दवाइयों-आवश्यक सामग्री की दुकानें ही खुलेंगी

अपने आदेश में डिप्टी कमिश्नर ने कहा है कि कई बार लोगों से अनुरोध करने के बावजूद भी बाजारों में भीड़ कम नहीं हो रही है। इससे कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बनी रहती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 04:33 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 04:39 PM (IST)
Coronavirus: कोरोना से बचाव के लिए जम्मू में बाजार हुए बंद, सिर्फ दवाइयों-आवश्यक सामग्री की दुकानें ही खुलेंगी
Coronavirus: कोरोना से बचाव के लिए जम्मू में बाजार हुए बंद, सिर्फ दवाइयों-आवश्यक सामग्री की दुकानें ही खुलेंगी

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या चार होने तथा कई लोगों में इस वायरस के लक्षण मिलने के बाद प्रशासन ने इसे निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। जम्मू की डिप्टी कमिश्नर सुषमा चौहान ने सभी बाजारों को बंद करने के निर्देश दिए हैं। अब सिर्फ दवाइयों, खाद्य सामग्री, फल-सब्जियों, दूध-दही की दुकानें ही खुल सकेंगी।

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अपने आदेश में डिप्टी कमिश्नर ने कहा है कि कई बार लोगों से अनुरोध करने के बावजूद भी बाजारों में भीड़ कम नहीं हो रही है। इससे कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बनी रहती है। लोगों को एक दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखना जरूरी है। ऐसा न होने के कारण ही अब जम्मू के सभी बाजारों को बंद करने का फैसला लिया गया है। इससे फैसले के बाद जम्मू के प्रमुख रघुनाथ बाजार, कनक मंडी, वेयर हाउस, राजेंद्र बाजार को प्रशासन ने बंद करवाना शुरू कर दिया। हालांकि कुछ दुकानदार दुकाने बंद करने के लिए समय बढ़ाने के लिए कह रहे थे लेकिन प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी को दुकानें बंद करने को कहा।

प्रशासन का तर्क था कि जब तक गैर जरूरी सामान की दुकानें बंद नहीं हुई तब तक बाजारों से भीड़ को कम नहीं किया जा सकता। इससे पहले प्रशासन ने जम्मू में सभी सरकारी व निजी स्कूलों, क्लब, जिम, शॉपिंग कांपलेक्स बंद कर दिए थे। यही नहीं इंटरनेट बस सेवा पर भी रोक लगा दी है। ऊधमपुर और रामबन जिलों में सार्वजनिक यात्री वाहनों के चलने पर भी रोक है। प्रशासन बहुत जल्द जम्मू में भी सार्वजनिक यात्री वाहनों के चलने पर रोक लगा सकता है। अधिकारियों का मानना है कि जब तक कोरोना वायरस का खतरा कम नहीं हो जाता तब तक सभी को एहतियात बरतनी होगी। अगर किसी में भी कोई लक्षण नजर आता है तो उसे तुरंत अस्पताल में जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए।

वहीं मेडिकल कालेज की प्रिंसिपल डॉ सुनंदा रैणा ने लोगों से अनुरोध किया है कि अगर जरूरी हो तभी अस्पताल में जांच करवाने के लिए आएं। बिना वजह कोई भी अस्पताल में न आए और एक मरीज के साथ एक से अधिक तिमारदार न आए। उन्होंने ओपीडी के स्थान पर मरीजों से इमरजेंसी में इलाज के लिए आने को कहा।


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