JKCA Scam: डॉ. फारूक अब्दुल्ला को उच्च न्यायालय से नहीं मिली संपत्ति अटैच मामले में कोई अंतरिम राहत
JKCA Scam Case उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल और न्यायाधीश वीसी कौल की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में अभी उन्हें डॉ अब्दुल्ला को अंतरिम राहत देने की कोई भी जरूरत महसूस नहीं होती।
श्रीनगर, जेएनएन: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति अटैच करने के मामले में उच्च न्यायालय ने उन्हें कोई भी अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में हुई कथित धांधलियों के मामले में डॉ अब्दुल्ला की संपत्ति अटैच की है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि डॉ अब्दुल्ला को सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है और यह संपत्ति अटैच भी सिर्फ अस्थायी रूप से की गई है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल और न्यायाधीश वीसी कौल की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में अभी उन्हें डॉ अब्दुल्ला को अंतरिम राहत देने की कोई भी जरूरत महसूस नहीं होती। कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन पक्ष को डॉ अब्दुल्ला की याचिका पर तीन सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में याचिकाकर्ता को भी एक सप्ताह के भीतर फिर से हलफनामा दायर करने की भी छूट दी गई है।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में हुए 43 करोड़ रुपयों के कथित घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय कई बार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अबदुल्ला से पूछताछ भी कर चुका है। 84 वर्षीय डॉ अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के कई बार चेयरमैन रह चुके हैं। उन पर यह आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान क्रिकेट एसोसिएशन में आए फंड का दुरुपयोग हुआ है। इन दिनों डॉ फारूक अब्दुल्ला कोरोना से संक्रमित हैं और आज ही उन्हें इलाज के लिए श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस मामले में सीबीआई ने भी पिछले साल कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया था। हालांकि नेशनल कांफ्रेंस के सभी नेता इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते आए हैं। जहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपप्रधान भी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगा चुके हैं।