इन बातों का रखेंगे ध्यान तो कभी नही होंगे साइबर क्राइम का शिकार
साइबर क्राइम की बढ़ती वारदात को देखते हुए जम्मू पुलिस ने लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू किया है इसके लिए पुलिस ने अपनी वेबसाइट पर भी लोगों को इससे बचने के एडवाइजरी जारी की है।
जम्मू, जेएनएन। अगर आप किसी अनजान के साथ अपने डेबिट, क्रेडिट कार्ड, मोबाइल फोन, पासवर्ड, बैंक अकाउंट आदि की जानकारी साझा कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो समझ लीजिए कि चंद ही मिनटों में होने वाले साइबर क्राइम का अगला शिकार आप ही हैं। इससे बचने के लिए आपको सुझाव यही है कि खुद को सतर्क रखें और ऑनलाइन होने वाली ठगी से बचें। अगर जम्मू शहर की ही बात करें तो यहां पर रोजाना दो से तीन लोग किसी न किसी तरह से साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं।
साइबर सेल जम्मू में आने वाली शिकायतों में ऑनलाइन ठगी के अलावा वेबसाइट, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप तक की हैकिंग के मामले आ रहे हैं। एसएसपी साइबर सेल संदीप मेहता का कहना है कि साइबर क्राइम का शिकार बनने वाले अधिकतर लोग अपनी लापरवाही से ही शिकार बनते हैं। ऐसा जानकारी के अभाव से होता है। उनका कहना है कि उनके पास विभिन्न थानों के माध्यम से मामले आते हैं जिनकी पड़ताल करने के बाद वे पुलिस को सौंप देते हैं।
आगे की कार्रवाई पुलिस करती है। उधर, साइबर क्राइम की बढ़ती वारदात को देखते हुए जम्मू पुलिस ने भी लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू किया है। पुलिस ने अपनी वेबसाइट पर भी लोगों को इससे बचने के एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अपने डेबिट, क्रेडिट कार्ड की जानकारी बिलकुल किसी को न दें। अकसर ठग लोगों को फोन कर कभी खुद को मोबाइल कंपनी का कर्मचारी बता उनसे उनके अकाउंट, डेबिट, क्रेडिट कार्ड की जानकारी ले लेते हैं और फोन कटने से पहले आपके अकाउंट से पैसे निकल भी चुके हैं।
साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने में जम्मू पुलिस सशक्त है। अगर कोई इसका शिकार बनता है तो अपने संबंधित थाने में शिकायत दर्ज करवाए। संबंधित थाने से ही साइबर सेल में शिकायत भेज दी जाती है और मामले को सुलझा लिया जाता है। अगर शिकायतकर्ता पुलिस को पूरी जानकारी देता है तो मामला उतनी ही जल्दी सुलझ जाता है।
विवेक गुप्ता, डीआइजी
क्या कहती है पुलिस
- किसी को अपना डेबिट, क्रेडिट कार्ड न दें।
- फोन पर भी इसकी जानकारी किसी को न दें।
- अपने कार्ड का पासवर्ड किसी को न बताएं।
- अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम का सुरक्षित पासवर्ड रखें, समय-समय पर इसे बदलते रहें।
- घर व अपने कार्यालय के कंप्यूटर को पासवर्ड लगाकर रखें।
- किसी अनजान या भ्रामक वेबसाइट को सर्च न करें।
- ऑनलाइन र्शांपग, ई-बैंकिंग सोच समझ करें।
- ऑनलाइन र्शांपग, ई-बैंकिंग का इस्तेमाल करने के तुरंत बाद अपना अकाउंट बैलेंस चेक करें।
- इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे बच्चों पर नजर रखें।
- संदेह होने पर पुलिस को सूचित करें।