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लक्ष्य से भटक चुका था क्रॉस एलओसी व्यापार

ललित कुमार जम्मू गुलाम कश्मीर और जम्मू कश्मीर के बीच क्रॉस एलओसी ट्रेड पिछले एक दशक में अपने लक्ष्य से भटक कर मादक पदार्थो हथियारों व हवाला राशि के आदान-प्रदान का जरिया बनकर रह गया। इस ट्रेड की निगरानी करने वाले प्रशासनिक अधिकारी अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर पाए और न ही सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए गए जिसका खामियाजा इस व्यापार से जुड़े हजारों लोगों को भुगतना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 06:15 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:15 AM (IST)
लक्ष्य से भटक चुका था क्रॉस एलओसी व्यापार
लक्ष्य से भटक चुका था क्रॉस एलओसी व्यापार

ललित कुमार, जम्मू

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गुलाम कश्मीर और जम्मू कश्मीर के बीच क्रॉस एलओसी ट्रेड पिछले एक दशक में अपने लक्ष्य से भटक कर मादक पदार्थो, हथियारों व हवाला राशि के आदान-प्रदान का जरिया बनकर रह गया। इस ट्रेड की निगरानी करने वाले प्रशासनिक अधिकारी अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर पाए और न ही सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए गए, जिसका खामियाजा इस व्यापार से जुड़े हजारों लोगों को भुगतना पड़ेगा।

आपसी विश्वास बहाली के तहत 21 अक्टूबर 2008 से 2017 तक हुए करीब सात हजार करोड़ रुपये का क्रॉस एलओसी व्यापार बाहरी राज्यों के व्यापारियों के लिए टैक्स बचाने और आतंकी संगठनों के लिए मादक पदार्थ, हथियार व हवाला राशि पहुंचाने का जरिया बन चुका था। जब यह ट्रेड शुरू हुआ तो तय हुआ था कि जम्मू कश्मीर व गुलाम कश्मीर के उत्पादों का ही बाटर सिस्टम के तहत आदान-प्रदान होगा, लेकिन अब इस ट्रेड के रास्ते कैलिफोर्निया के बादाम तक का व्यापार हो रहा था। पाकिस्तानी व्यापारी स्थानीय उत्पाद की आड़ में कैलिफोर्निया बादाम की काफी कम कीमत का बिल बना रहे थे और यहां पर व्यापारी मार्केट रेट पर बिक्री कर रहे थे। ऐसे में जो अतिरिक्त मुनाफा होता था, वह आतंकवादी और उनके मददगारों तक पहुंचाया जा रहा था।

यह व्यापार जब शुरू हुआ तो जम्मू कश्मीर के 646 व्यापारियों ने पंजीकरण करवाया, जिनकी संख्या आज करीब 280 बची है, लेकिन प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से करीब तीन हजार व्यापारी इससे जुड़े हैं। इसके अलावा करीब एक हजार ट्रक चालक व 200 श्रमिक इस ट्रेड के बंद होने से बेकार हो गए हैं।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिए ठोस कारण

1. यह व्यापार जम्मू-कश्मीर व गुलाम कश्मीर के उत्पादों के लिए था, लेकिन इसमें बाहरी उत्पादों का ट्रेड हो रहा था।

2. एलओसी ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान रहे जहूर अहमद वटाली का मुख्य धंधा कश्मीर घाटी में आतंकियों व अलगाववादियों को पैसा मुहैया करवाना था। प्रवर्तन निदेशालय ने वटाली की करोड़ों की संपत्ति अटैच की है।

3. ट्रेड से जुड़ी अधिकतर फर्म ऐसी थी, जो किसी न किसी तरह से हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ी थी। कश्मीर से कुछ लोग सीमापार कर चले गए और वहां पर फर्म बनाकर ट्रेड से जुड़ गए। ऐसे में कश्मीर की अधिकतर फर्म आतंकी संगठनों से जुड़ी थी।

4. यह ट्रेड घाटी में मादक पदार्थो की तस्करी का साधन बन चुका था। हाल ही में कश्मीर के लिए इस रास्ते भेजी जा रही 66.5 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी।

5. यह ट्रेड हथियारों की सप्लाई का रास्ता बन चुका था। हाल ही में कुलगाम के एक ड्राइवर को पकड़ा गया था, जो क्रॉस एलओसी ट्रेड से जुड़ा था और केलों के ट्रक में भारी मात्रा में हथियार छुपाकर लाया था।

6. इस ट्रेड की आड़ में हवाला राशि भेजी जा रही थी। हाल ही में 57 लाख, 20 लाख, 15 लाख, 7.5 लाख रुपये की जाली करंसी भी पकड़ी गई और करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया।

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इन उत्पादों का होता था ट्रेड

यहां से जाने वाले उत्पाद :

1. कालीन

2. गलीचा

3. वॉल हैंगिग

4. शॉल व स्टोल

5. नमदा

6. गब्बा

7. कढ़ाई उत्पाद

8. फर्नीचर

9. वूडन हैंडीक्राफ्ट

10. फल व सब्जियां

11. ड्राईफ्रूट

12. केसर

13. खुशबूदार पौधे

14. फलदार पौधे

15. धनिया, मूंग, इमली व काले मशरूम

16. कश्मीरी मसाले

17. राजमा

18. शहद

19. पेपरमशी उत्पाद

20. गद्दे, तकिये व रजाईयां

21. औषधीय पौधे

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वहां से आने वाले उत्पाद

1. चावल

2. जैनमाज व टस्बी

3. कीमती पत्थर

4. गब्बा

5. पेशावरी चप्पल

6. औषधीय पौधे

7. मैदा

8. फल व सब्जियां

9. ड्राईफ्रूट

10. नमदा

11. शहीद

12. मूंगी

13. इमली

14. काली मशरूम

15. फर्नीचर

16. वूडन हैंडीक्राफ्ट

17. कालीन व गलीचे

18. वॉल हैंगिग

19. कढ़ाई उत्पाद

20. गद्दे, तकिये व रजाईयां

21. शाल व स्टोन

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हमने गृह मंत्रालय में डायरेक्टर श्रीमति सुलेखा को संवाद भेज कर उन प्रशासनिक अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करने की अपील की है, जिनकी लापरवाही से क्रॉस एलओसी ट्रेड मादक पदार्थो, हथियारों व हवाला राशि के लेनदेन का जरिया बना।

-राकेश गुप्ता, प्रधान ज्वाइंट चैंबर ऑफ क्रॉस एलओसी ट्रेडर्स ---------------

केंद्र सरकार ने इसे सस्पेंड करके उचित फैसला किया है। जम्मू के व्यापारियों को इस ट्रेड से कोई खास फायदा नहीं हो रहा था। मुख्य रूप से कश्मीर के व्यापारी ही इससे जुड़े थे क्योंकि वो इसकी आड़ में मादक पदार्थो, हथियारों व हवाला राशि का लेनदेन कर रहे थे।

-दीपक गुप्ता, महासचिव ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस, जम्मू

------------- कश्मीर के कई व्यापारियों का लाखों रुपये इस ट्रेड में लगा है। सरकार को यह भी बताना होगा कि जिन लोगों ने गुलाम कश्मीर के व्यापारियों से लाखों रुपया लेना है, वो उन्हें कैसे मिलेगा। केंद्र सरकार को अपने फैसले पर दोबारा सोचना चाहिए और व्यापारियों के फंसे पैसे के भुगतान के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

-हिलाल अहमद, प्रधान सलामाबाद-चकोटी ट्रेडर्स यूनियन

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क्रॉस एलओसी व्यापार बंद करना एक अहम कदम है। आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। क्रॉस एलओसी व्यापार की आड़ में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को शह दी जा रही थी। केंद्र सरकार ने क्रॉस एलओसी व्यापार बंद कर देश के खिलाफ काम कर रही ताकतों को आघात दिया है।

-जम्मू-पुंछ संसदीय सीट के भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा

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