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अटैच डॉक्टरों के सहारे सीएचसी रामगढ़

संवाद सहयोगी रामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) रामगढ़ में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी से मरीजों की सांस फूल रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 06:52 AM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 06:52 AM (IST)
अटैच डॉक्टरों के सहारे सीएचसी रामगढ़
अटैच डॉक्टरों के सहारे सीएचसी रामगढ़

संवाद सहयोगी, रामगढ़

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) रामगढ़ में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी से मरीजों की सांस फूल रही है। इलाज कराने के लिए कभी वह जम्मू तो कभी सांबा जिला अस्पताल के लिए दौड़ लगाते हैं। हालात यह हैं कि यह स्वास्थ्य केंद्र अटैच किए गए डॉक्टरों के सहारे चल रहा है। बड़ी बात है कि फिलहाल डॉक्टरों की यहां नियुक्ति की संभावना भी नजर नहीं आ रही है।

अस्पताल में अधिकांश डाक्टरों और अन्य स्टॉफ को दूसरे सरकारी अस्पतालों से अटैचमेंट के तहत यहां भेजा गया है। इससे मरीजों को इनका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। सर्जन, अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ जैसे प्रमुख डॉक्टरों अगर अटैच कर अस्पताल की व्यवस्था कैसे पटरी पर लाई जा सकती है, यह समझ से परे ह। हर दिन लोग अपने स्वास्थ्य की जांच एवं उपचार के लिए ओपीडी सेवाओं का लाभ लेने अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन वहां पहुंचने पर जो प्रमुख डाक्टर हैं, वह उपलब्ध नहीं होते।

सीएचसी में अटैच ब्लाक घगवाल के चिकित्सक विशेषज्ञ को एक सप्ताह पहले स्थायी तौर पर घगवाल सरकारी अस्पताल तैनात कर दिया गया है। इसके बाद से रामगढ़ में कोई विशेषज्ञ नहीं भेजा गया। लगातार बदतर हो रही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर को-आर्डिनेशन कमेटी अध्यक्ष रामगढ़ यशपाल शर्मा, व्यापार मंडल प्रधान नरेंद्र गुप्ता, उपप्रधान चौधरी अनंत राम, शमशेर सिंह, वचन लाल, विजय कुमार, राज कुमार गुप्ता, अशोक कुमार ने कहा कि सांबा जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी रामगढ़ का सिस्टम डाक्टरों की अटैचमेंट के सहारे चल रहा है। राज्यपाल ध्यान दें मरीजों पर

स्थानीय लोगों ने मांग की कि राज्यपाल प्रशासन को रामगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हालात और मरीजों पर ध्यान देना चाहिए। यहां पर स्थायी तौर पर डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए ताकि मरीजों को ओपीडी का भी समुचित लाभ मिल सके।

लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के चलते डॉक्टरों की नई नियुक्तियों को करना मुनासिब नहीं है। जब चुनाव प्रक्रिया खत्म हो जाएगी, उसके साथ ही अस्पताल में डॉक्टरों की स्थायी नियुक्तियां होना शुरू हो जाएंगी।

-डॉ. पलविंदर सिंह, बीएमओ

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