Gharana Wetland Jammu: ड्राई हुआ घराना वेटलैंड, प्रवासी पक्षियों पर संकट
अगर पानी नही हुआ तो हजारों की संख्या में आने वाले राजहंस कहीं दूसरी जगह की ओर रुख कर सकते हैं। घराना वेटलैंड पर सूखे की बनी स्थिति से निपटने के लिए वन्यजीव के पास पंपसेट (बोरवेल) की भी व्यवस्था है। लेकिन यह भूमि को नम बनाने में सक्षम नही।
जम्मू, जागरण संवाददाता: लंबे अंतराल बाद भी बारिश नही होने का संकट घराना वेटलैंड पर आन बना है। प्रवासी पक्षियों के आने के सीजन में घराना वेटलैंड ड्राई हो गया है। तालाब से 80 फीसद पानी सूख चुका है और सूखे किनारे साफ नजर आ रहे हैं। अगर अगले चंद दिनों में ही बारिश मेहरबान नही हुई तो घराना वेटलैंड ऐसे ही नजर आएगा जैसे कि कभी कभार जून माह में नजर आता है।
आमतौर पर इन दिनों वेटलैंड के तालाब में पर्याप्त पानी होता है जहां प्रवासी पक्षी विचरण करते हैं और अपनी खुराक पानी से ढूंढते हैं। लेकिन इस बार तो पानी ही नही है। पक्षियों के आने के इस सीजन में यह पहला मौका है कि अब इंसान वेटलैंड से गुजर कर दूसरे कोने पर आसानी से पहुंच सकता है क्योंकि पानी सूखने से जमीन सख्त हो आई है। चिंता की बात तो यह है कि अब अगले दो सप्ताह तक दुनियां में सबसे ऊंचाई पर उड़ने के लिए माने जाने वाले सरपट्टी सवन (राजहंस) भी यहां पर आने लगेंगे। चूंकि इन पक्षियों को यहां पर विचरण करने क लिए प्रर्याप्त पानी चाहिए। अगर पानी नही हुआ तो हजारों की संख्या में आने वाले राजहंस कहीं दूसरी जगह की ओर रुख कर सकते हैं। घराना वेटलैंड पर सूखे की बनी स्थिति से निपटने के लिए वन्यजीव के पास पंपसेट (बोरवेल) की भी व्यवस्था है। लेकिन दिन भर चलने के बाद भी यह भूमि को नम बनाने में सक्षम नही।
वहीं पर्यावरणविद् पूरे मामले को लेकर चिंतित हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि नहर के पानी का रुख वेटलैंड की ओर मोड़ा जाए ताकि तालाब में पर्याप्त पानी जमा हो सके। नही तो इस बार घराना में पक्षियों के विचरण के लिए वातावरण नही बन पाएगा। विभाग के ब्लाक अधिकारी धीरज रामपाल का कहना है कि पंपसेट से नियमित तौर पर वेटलैंड में पानी उतारा जा रहा है। जल्दी ही तालाब से भी गाद बगैरा निकाली जाएगी ताकि पक्षियों के लिए बेहतर वातावरण बन सके।