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क्राइम ब्रांच करेगी पंजवख्तर मंदिर की भूमि हड़पने के मामले की जांच

शहर के प्राचीन पंजवख्तर मंदिर की भूमि को एक साजिश के तहत हड़पने के मामले में जम्मू के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच जम्मू को सौंप दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 07:53 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 07:53 AM (IST)
क्राइम ब्रांच करेगी पंजवख्तर मंदिर की भूमि हड़पने के मामले की जांच
क्राइम ब्रांच करेगी पंजवख्तर मंदिर की भूमि हड़पने के मामले की जांच

जागरण संवाददाता, जम्मू : शहर के प्राचीन पंजवख्तर मंदिर की भूमि को एक साजिश के तहत हड़पने के मामले में जम्मू के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच जम्मू को सौंप दी है। मंदिर की संपत्ति को लेकर हुए विवाद को देखते हुए जम्मू कश्मीर हाइकोर्ट ने वर्ष 2008 में सेवानिवत्त डिस्ट्रिक्ट एडं सेशन जज सुरेश कुमार शर्मा को मंदिर का केयरटेकर बना दिया था। इसके बाद यह मामला अदालत में विचाराधीन था।

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पंच दशनामी जूना अखाड़ा की ओर से कोर्ट में याचिका दायर कर अशोक गुप्ता व अन्य को प्रतिवादी बनाया गया था। न्यायिक अधिकारी ने शुक्रवार को मामला अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया, जिसमें कहा गया कि यह मामला 28 अगस्त वर्ष 2017 से कोर्ट में विचाराधीन है। मंदिर के केयर टेकर सुरेश शर्मा ने मंदिर की संपत्ति को संरक्षित रखने के वास्ते तथ्यों को पेश कर कोर्ट से अनुरोध किया कि मामले की पंजवख्तर मंदिर की संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करें। सुरेश शर्मा ने तर्क दिया कि मंदिर परिसर की भूमि को हड़पने के लिए एक गहरी साजिश रची गई है। यहां तक कि जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से कोई भी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट आवेदनकर्ताओं को नहीं भेजी गई है। इसलिए मंदिर की भूमि हड़पने की जांच होनी चाहिए। अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश अश्वनी शर्मा ने आदेश की एक कापी एसएसपी क्राइम ब्रांच को भेजने के भी निर्देश जारी किए। विभिन्न राजनीतिक दलो ने इस मामले को मनाया था मुद्दा

जम्मू नगर निगम ने भी मंदिर परिसर में मल्टी लेवल कार पार्किंग और कामर्शियल कांप्लेक्स बनाए जाने के लिए बीते वर्ष सितंबर माह में नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचडीसीएल) से मंदिर परिसर में निर्माण कार्य के लिए निविदा भी आमंत्रित कर ली। मंदिर परिसर की भूमि को हड़पने पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा बनाया। मंदिर की जमीन पर कब्जा नहीं होने देने को लेकर विभिन्न राजनीतिक दल एकजुट हो गए थे। यहां तक कि निगम की कमिशनर अवनी लवासा ने बयान दिया था कि मंदिर की भूमि को किसी को हथियाने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने अपनी सफाई में कहा था कि नगर निगम जमीन पर किसी तरह का कब्जा नहीं चाहता।


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