जम्मू-कश्मीर: कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोप साबित होने पर आरोपितों को 20 वर्ष की सजा सुनाई
नौ सितंबर 2011 को मोहम्मद युसूफ शेख ने गूल के मुनसिफ कोर्ट में दोनों आरोपितों व उनके छह अन्य साथियों के खिलाफ उसकी नाबालिग बेटी का अपहरण करने की शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि 25-26 अगस्त की रात को आरोपित उनकी बेटी को जबरन घर से उठाकर ले गए।
जम्मू, जेएनएफ। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक नाबालिग का अपहरण करने व उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप साबित होने पर मोहम्मद ईशाक व अब्दुल राशिद को बीस-बीस साल के कठोर कारावास व 65-65 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने साफ किया है कि जुर्माने की राशि अदा न किए जाने की सूरत में आरोपितों को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
केस के मुताबिक नौ सितंबर 2011 को मोहम्मद युसूफ शेख ने गूल के मुनसिफ कोर्ट में दोनों आरोपितों व उनके छह अन्य साथियों के खिलाफ उसकी नाबालिग बेटी का अपहरण करने की शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि 25-26 अगस्त की रात को आरोपित उनकी बेटी को जबरन घर से उठाकर ले गए। इस दौरान आरोपित उनकी बेटी के कमरे की अलमारी तोड़कर उसमें से 50 तोला चांदी के जेवर, दो सोने की नोज रिंग व 70 हजार रुपये नगद चुराकर ले गए। मुनसिफ कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने केस दर्ज किया और मामले की छानबीन शुरू की।
पुलिस ने पीड़ित को आरोपित के घर से बरामद किया और जांच करवाने पर उसके साथ दुष्कर्म की भी पुष्टि हुई। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके चार्जशीट पेश की और कोर्ट ने मोहम्मद ईशाक व अब्दुल राशिद को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। कोर्ट ने दोनों को दुष्कर्म करने के आरोप में बीस-बीस साल के कठोर कारावास तथा 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अपहरण करने के आरोप में कोर्ट ने दोनों को पांच-पांच साल के कारावास और गैर कानूनी ढंग से अपने घर में रखने के आरोप में कोर्ट ने दोनों को दो साल के कारावास व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि यह सभी सजाएं एक साथ चलेगी और जुर्माने की राशि जमा न कराए जाने की सूरत में आरोपितों को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।