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गुलाम कश्मीर के आतंकी को 10 साल की सजा

के इसी बर्ताव से लोग आगे नहीं आते और अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद होते है। कोर्ट ने डीएसपी शशी ठाकुर द्वारा चिन्हित स्थान का पूरा राजस्व रिकार्ड पन्द्रह दिन के भीतर पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने जम्मू के डिप्टी कमिश्नर को इस मामले की स्वयं निगरानी करने का निर्देश देते हुए कहा कि आदेश का पालन होने तक संबंधित अधिकारियों का वेतन जारी न किया जाए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 02:34 AM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 02:34 AM (IST)
गुलाम कश्मीर के आतंकी को 10 साल की सजा
गुलाम कश्मीर के आतंकी को 10 साल की सजा

जेएनएफ, जम्मू : जानीपुर में 12 साल पहले आतंकी सैफुल्लाह कारी के साथ हुई मुठभेड़ में जिदा पकड़े गए आतंकी जफ्फर इकबाल उर्फ उमर उर्फ अब्दुल रहमान निवासी गुलाम कश्मीर को कोर्ट ने 10 साल कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

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केस के मुताबिक, 11 अगस्त 2007 को दिल्ली पुलिस ने जम्मू कश्मीर पुलिस की स्पेशल ब्रांच की टीम के साथ अब्दुल रहमान के रमजानपुरा जानीपुर स्थित किराये के घर में छापा मारा। आतंकी सैफुल्लाह कारी के खिलाफ दिल्ली पुलिस स्टेशन के स्पेशल सेल में एफआइआर दर्ज थी। इसी के तहत सैफुल्लाह की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस ने दबिश दी, लेकिन सैफुल्लाह व अब्दुल रहमान ने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने सैफुल्लाह को मार गिराया, जबकि इस मुठभेड़ में अब्दुल रहमान व दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर देवेंद्र शर्मा जख्मी हो गए।

प्रिसिपल सेशन जज जम्मू ने आरोप साबित होने पर अब्दुल रहमान को 10 साल कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने साफ किया कि जुर्माने की राशि अदा न करने पर उसे छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके साथ ही एक हजार रुपये जुर्माना देना होगा। अगर उसने जुर्माने की राशि अदा नहीं की तो उसे एक महीने की और सजा भुगतनी पड़ेगी।


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