जम्मू शहर के रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानों के विरोध में उतरे कॉरपोरेटर
मंदिरों के शहर जम्मू को शराब का शहर नहीं बनने दिया जाएगा। रिहायशी इलाकों में किसी भी सूरत में शराब की दुकानें नहीं खुलने दी जाएंगी। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। उपराज्यपाल बिना देरी इस आदेश को वापस लें।
जम्मू, जागरण संवाददाता : मंदिरों के शहर जम्मू को शराब का शहर नहीं बनने दिया जाएगा। रिहायशी इलाकों में किसी भी सूरत में शराब की दुकानें नहीं खुलने दी जाएंगी। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। उपराज्यपाल बिना देरी इस आदेश को वापस लें और शहर के किसी भी रिहायशी इलाके में शराब की दुकान नहीं खुलने दें। ऐसा नहीं होने की सूरत में हमें सड़कों पर भी उतरना पड़ा तो पीछे नहीं हटेंगे।
बुधवार को यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए नगर निगम के निर्दलीय कॉरपोरेटरों ने शहर के रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें खुलने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वे शुरू से ही एक्साइज की इस नीति का विरोध कर रहे हैं। अब स्कूल, मंदिर के आसपास भी दुकानें खोली जाने लगी हैं। इसका पूरा विरोध किया जाएगा। कॉरपोरेटर शाम लाल बस्सन ने कहा कि हम सभी कॉरपोरेटर रिहाशी इलाकों में शराब की दुकानें खुलने का विरोध कर रहे हैं। सरकार को चुने हुए नुमाइंदे होने के चलते कॉरपोरेटरों से एनओसी से पूछना चाहिए था। नगर निगम से एनओसी लेनी चाहिए थी। ऐसा नहीं किया गया। कॉरपोरेटर अशोक सिंह मन्हास ने कहा कि सरकार जम्मू शहर का वास्तविक रूप बदलने की ओर बढ़ रही है। मंदिरों का शहर अब शराब के ठेकों का शहर बनने जा रहा है। इतनी ज्यादतियां ठीक नहीं हैं। इसका खामियाजा भावी पीढ़ी को भुगतना पड़ेेगा। भावी पीढ़ी के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कॉरपोरेटर अनु बाली ने कहा कि मंदिर, स्कूल के अासपास भी दुकानें खुलने लगी हैं। सभी कॉरपोरेटर इसका विरोध करते हैं। 75 में से कोई भी कॉरपोरेटर इसमें संलिप्त नहीं। उन्होंने कहा कि मेयर को इस संबंध में लिखित में उपराज्यपाल को लिखना चाहिए।
कॉरपोरेटर अमित गुप्ता ने कहा कि भाजपा सभी मोर्चाें पर विफल साबित हो रही है। टोल प्लाजा के बाद अब शराब के ठेकों की बहार जम्मू में लाई जा रही है। युवाओं को नशे की गर्त में धकेलने के इस प्रयास का हम कड़ा विरोध करते हैं। वहीं कॉरपोरेटर प्रो. युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार की गलत नीतियां नजर आ रही हैं। शराब के ठेकों को मुहल्लों से बाहर निकालने के बजाय और खोलने की दिशा में कदम बढ़े हैं। इससे बच्चों का भविष्य खराब होगा। इस दिशा में मेयर को कदम उठाने चाहिए। सरकार को युवा पीढ़ी बारे सोचना चाहिए। वहीं कॉरपोरेटर अनिता शर्मा ने कहा कि जगह-जगह लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग इसका विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार चुप है। उनका कहना है कि करोड़ों रुपये का राजस्व पहले ही जमा हो चुका है। सरकार पैसे जुटाने के बजाय बच्चों का भविष्य देखे। सभी कॉरपोरेटर इसका विरोध करते हैं। रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। इसके लिए सड़कों पर उतरना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे।