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Property Tax In Jammu: प्रापर्टी टैक्स पर निगम का नया पैंतरा, अब विकास शुल्क लगाने की तैयारी

Property Tax In Jammu एक दिन आएगा कि सरकार भी निगम को पैसे देना बंद कर देगी। लिहाजा इस दिशा में कदम उठाने जरूरी है। उन्होंने फिलहाल प्रापर्टी टैक्स लगाने की घोषणा विगत दिवस जनरल हाउस की बैठक में कर दी थी।

By Edited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 08:06 AM (IST)
Property Tax In Jammu: प्रापर्टी टैक्स पर निगम का नया पैंतरा, अब विकास शुल्क लगाने की तैयारी
सरकार निगम को अपने स्त्रोत बढ़ाने के लिए बार-बार कह रही है।

जागरण संवाददाता, जम्मू : प्रापर्टी टैक्स के विरोध में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच जम्मू नगर निगम ने नया पैंतरा चला है। अब प्रापर्टी टैक्स की जगह विकास शुल्क लगाया जाएगा। पहले चरण में आम लोगों पर शुल्क न लगाकर सिर्फ बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को इसके अधीन लाया जाएगा।

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अलबत्ता यह अभी प्रस्ताव ही है, जिसे जनरल हाउस में मंजूरी दिया जाना अभी बाकी है। नगर निगम ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिया हैं। निगम की नवगठित एग्जीक्यूटिव कमेटी में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई है। अब जनरल हाउस में इस पर चर्चा होना है। यदि जनरल हाउस में यह प्रस्ताव पारित हो गया तो निगम विकास शुल्क की राह पर आगे बढ़ जाएगा। चूंकि नगर निगम में भाजपा बहुमत में है और उन्हें हाउस में किसी भी प्रस्ताव को पारित करवाने के लिए विपक्षियों के सहारे की जरूरत नहीं है।

लिहाजा अगर भाजपा नेतृत्व में सहमति बनती है तो सोमवार को पुन: होने जा रही जनरल हाउस की बैठक में इसे मंजूरी मिल जाएगी। चूंकि इसमें आम लोगों को शामिल नहीं किया जा रहा है, तो ऐसे में प्रस्ताव के रुकने के आसार बहुत कम हैं। गौरतलब है कि हाल ही में निगम की जनरल फंक्शन कमेटी को भंग कर एग्जीक्यूटिव कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी की दो मार्च को हुई पहली ही बैठक में इस प्रस्ताव को लाया गया था, जिसका सभी सदस्यों ने समर्थन किया और प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसमें कहा गया कि इस मसले पर हाउस में चर्चा करवाएंगे।

अगर हाउस ने माना तो विकास शुल्क लगाकर बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से शुल्क वसूल कर निगम का राजस्व बढ़ाया जाएगा। निगम को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजस्व बढ़ाने पर जोर मेयर चंद्रमोहन गुप्ता बार-बार स्पष्ट कर चुके हैं कि नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजस्व के स्त्रोत बढ़ाने होंगे। इसके लिए लोगों को कुछ न कुछ टैक्स भी देने पड़ेंगे, जैसा कि देश के अन्य नगर निगमों में हो रहा है। उनका कहना है कि जब पैसा होगा तभी शहर का विकास संभव है। सरकार निगम को अपने स्त्रोत बढ़ाने के लिए बार-बार कह रही है।

एक दिन आएगा कि सरकार भी निगम को पैसे देना बंद कर देगी। लिहाजा इस दिशा में कदम उठाने जरूरी है। उन्होंने फिलहाल प्रापर्टी टैक्स लगाने की घोषणा विगत दिवस जनरल हाउस की बैठक में कर दी थी।


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