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Coronavirus Lockdown Effect: ममता की पुकार पर 40 दिन बाद हटा 'व्‍यवस्‍था' का लॉकडाउन, बच्चे चाइल्‍डलाइन की मदद से घर पहुंचे

ममता की पुकार पर 40 दिन बाद हटा व्‍यवस्‍था का लॉकडाउनननिहाल गए परिवारों के बच्चे वहीं फंसकर रह गए चाइल्‍डलाइन की मदद से आज घर पहुंचे अब रहना होगा क्‍वारंटाइन

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 03 May 2020 08:45 AM (IST)Updated: Sun, 03 May 2020 08:45 AM (IST)
Coronavirus Lockdown Effect: ममता की पुकार पर 40 दिन बाद हटा 'व्‍यवस्‍था' का लॉकडाउन, बच्चे चाइल्‍डलाइन की मदद से घर पहुंचे
Coronavirus Lockdown Effect: ममता की पुकार पर 40 दिन बाद हटा 'व्‍यवस्‍था' का लॉकडाउन, बच्चे चाइल्‍डलाइन की मदद से घर पहुंचे

कठुआ, राकेश शर्मा। नन्‍हे मासूम मां की गोदी में सिमट जाने बेकरार थे तो मम्मी-पापा को भी अपने दिल के टुकड़ों की याद सता रही थी। फासला भी अधिक न था। लखनपुर से मात्र 10 किलोमीटर दूर ननिहाल में अटके चार बच्चों को मां की मीठी गोद मिलने में 40 दिन लग गए। शनिवार को लखनपुर बार्डर पर चारों बच्चे माता-पिता से मिले तो माहौल भावुक हो उठा। कभी पापा तो कभी मम्मी से लिपट कर मासूम रोने लगे। इसी बीच, परिजनों की आंखें भी भरी हुई थी। दोनों परिवारों ने लॉकडाउन में पंजाब में ननिहाल में रुके चारों बच्चों को लाने की कोशिशें कीं थीं, लेकिन चाइल्ड लाइन के प्रयास से बच्चे परिवारों से मिल पाए।

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कठुआ के वार्ड नंबर चार निवासी देवेंद्र सिंह के तीन बच्चे हिमानी (सात), भूमिका (आठ) व जैविक (4) और लखनपुर के वार्ड पांच के राजेंद्र कुमार की पुत्री जान्हवी मात्र दस किलोमीटर की दूर पंजाब के माधोपुर में मार्च माह में ननिहाल किसी समारोह में भाग लेने गए थे। इसी बीच लॉकडाउन लग गया और वह वहीं फंस गए।

पाबंदियां लगने से कठुआ से उनके अभिभावक भी उन्हें घर नहीं ला पाए। बच्चे फोन से वापस लाने की जिद करते रहे। माता-पिता भी अपने आंसू छिपा उन्‍हें दिलासा देते रहे। पाबंदियों के कारण मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर ननिहाल से बच्‍चों को लिवा नहीं पा रहे थे।

पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से मिले। पर हर बार पाबंदियों और सरकारी नियमों को ह‍वाला देकर मां की फरियाद को टाल दिया गया। बिना अनुमति के न उन्‍हें पंजाब सीमा में प्रवेश की इजाजत थी और न ही ननिहाल से कोई कठुआ आ पा रहा था। यह परिवार हर दिन लखनपुर जाता और बच्चों की यादें लेकर लौट आता।

दरअसल अभिभावकों और बच्चों को पहले लॉकडाउन के खुलने की उम्मीद रही, लेकिन उसके बाद दूसरे लॉकडाउन के बाद बच्चे बेचैन हो उठे थे। कई बार तबीयत भी खराब हुई, लेकिन फोन ही सहारा था। अभिभावकों ने कठुआ में संस्था चाइल्ड लाइन से संपर्क साधा।

चाइल्ड लाइन सदस्यों ने पंजाब प्रशासन और कठुआ प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क किया। दोनों ओर से प्रशासनिक अधिकारियों ने तालमेल बनाकर बच्चों को माधोपुर से लखनपुर पहुंचाया। शनिवार को कठुआ से अभिभावक और उनके रिश्तेदार चाइल्ड लाइन के सदस्यों की उपस्थिति में लखनपुर पहुंचे। उधर वाहन से उतरते ही बच्चे माता-पिता के गले लगकर रोने लगे।

जम्मू-कश्मीर और पंजाब ने पूरी की औपचारिकताएं :

बच्चों को परिवार को सौंपने के बाद जम्मू कश्मीर और पंजाब प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस ने औपचारिकताएं पूरी कीं। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों की स्क्रीनिंग कर उन्हें घरों में ही क्‍वारंटाइन करने के लिए कहा। इस प्रक्रिया में काफी समय लग गया। पिछले माह दो अन्य मामलों में भी लॉकडाउन के कारण पंजाब में फंसे बच्चों को करीब एक माह के बाद लखनपुर में उनके माता-पिता से मिलाया गया था। 


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