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Coronavirus In Jammu Kashmir: बाजार में सैनिटाइजर की भरमार, गुणवत्ता पर नहीं कोई ध्यान

Coronavirus Effect In Jammu Kashmir कोरोना महामारी से एक बार फिर बाजार सबसे अधिक नुकसान झेल रहा है। पिछले दो महीनों से बाजार आशिंक रूप से खुल रहे हैं। लॉकडाउन से पहले बाजार रोटेशन पर खुल रहे थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 11:57 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 11:57 AM (IST)
Coronavirus In Jammu Kashmir: बाजार में सैनिटाइजर की भरमार, गुणवत्ता पर नहीं कोई ध्यान
बाजार में ऐसे सैनिटाइजर भी आ चुके है जिनका केवल रंग ही नीला है।

जम्मू, जागरण संवाददाता:कोरोना काल में सैनिटाइजर की मांग सबसे अधिक बढ़ी। कोरोना से लड़ाई में सैनिटाइजर एक अहम हथियार माना गया है। यूं तो कोराेना महामारी से पहले कुछ चुनिंदा ब्रांड के सैनिटाइजर ही बाजार में आते थे लेकिन पिछले एक साल ने न जाने कितने ब्रांड बाजार में आ गए।

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आज बाजार में दर्जनों नामों से सैनिटाइजर बिक रहे हैं लेकिन इनकी गुणवत्ता का मानदंड क्या है और क्या यह सैनिटाइजर वास्तव में उपयोगी साबित हो सकते हैं, इसकी जांच कोई नहीं कर रहा। बाजार में ऐसे सैनिटाइजर भी आ चुके है जिनका केवल रंग ही नीला है और उसमें सैनिटाइजर तत्वों का नाममात्र ही है। ऐसे में यह सैनिटाइजर होकर भी किटाणुओं को मारने में सक्षम नहीं। ऐसे में ड्रग्स कंट्रोल विभाग की नींद लोगों पर भी भारी पड़ सकती है। लोग समझते है कि उन्होंने सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया है लेकिन वास्तव में उन्होंने केवल एक रंगदार पानी से हाथ साफ किये हाेते है।

बाजार को मदद की दरकार: कोरोना महामारी से एक बार फिर बाजार सबसे अधिक नुकसान झेल रहा है। पिछले दो महीनों से बाजार आशिंक रूप से खुल रहे हैं। लॉकडाउन से पहले बाजार रोटेशन पर खुल रहे थे। फिर लॉकडाउन और अब एक बार फिर रोटेशन पर दुकानें खुल रही है और वो भी शाम छह बजे तक। ऐसे में दुकानदारों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है और अब हर तरफ से यह मांग उठने लगी है कि सरकार ने जिस तरह से पिछले साल आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, उसी तरह इस बार भी आर्थिक पैकेज घोषित करके कुुछ राहत दी जाए।

पिछले साल सरकार ने उद्योग व व्यापारियों को बिजली बिल में छूट व बैंक कर्जाें के ब्याज में पांच फीसद की छूट दी थी। इससे व्यापारियों को भी कुछ राहत मिली थी और अब व्यापारियों की मांग है कि सरकार इस बार भी उनकी मदद करें ताकि वो भी कुछ राहत महसूस कर सके क्योंकि सप्ताह में तीन दुकानें खुल रही है और खर्च पूरे सप्ताह का पड़ रहा है।


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