लद्दाख के भविष्य को सुरक्षित बनाने को बर्फ में सफर कर रहे कोरोना योद्धा, दूरदराज के इलाकों में वैक्सीन लगाने का अभियान जारी
वीरवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमें ने लेह के दूरदराज पनामिक इलाके में शून्य से दस डिग्री नीचे के तापमान में युवाओं को कारोन से बचाने के लिए टीकें लगाए। इसके साथ वीरवार को लेह के स्करबुझान व तांग्तसे में भी युवाओं को कोरोना की पहली डोज दी गई।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। लद्दाख के भविष्य को सुरक्षित बनाने की मुहिम के तहत स्वास्थ्य विभागों की टीमाें ने बफीर्ली ठंड में लंबी दूरियां तय कर 15 से 18 साल के युवाओं को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने की मुहिम छेड़ दी है।लद्दाख में पारा शून्य से बीस डिग्री नीचे तक जा रहा है। ऐसे हालात में कोरोना को हराने के लिए लद्दाख के स्वास्थ्य कर्मियों का हौंसला बुलंद हैंं। टीमें वैक्सीन लेकर दूरदराज के इलाकों में पहुंच रही हैं।
वीरवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमें ने लेह के दूरदराज पनामिक इलाके में शून्य से दस डिग्री नीचे के तापमान में युवाओं को कारोन से बचाने के लिए टीकें लगाए। इसके साथ वीरवार को लेह के स्करबुझान व तांग्तसे में भी युवाओं को कोरोना की पहली डोज दी गई। इसी तरह से स्वास्थ्य विभाग की टीमें कारगिल जिले के दूरदराज इलाकों तक भी पहुंच रही हैं।बर्फ से जमी लद्दाख की सड़कों पर इस समय सफर करना आसान नही है।
ऐसे हालात में लेह से पनामिक तक पहुंचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को कड़ी ठंड में जीप में करीब डेढ़ किलोमीटर का सफर करना पड़ा। अगले कुछ दिनों में स्वास्थ्य विभागों की टीमें उन इलाकों तक भी पहुंचेगी यहां पर वाहनों से पहुुचना संभव नही है। इस असली चुनौती का सामना करने के लिए इस समय तैयारी हो रही है।
लेह के ब्लाक मेडिकल आफिसर डा इकबाल अहमद का कहना है कि इस समय विभाग की टीमें ब्लाक स्तर तक पहुंचकर वैक्सीनेशन कर रही हैं। बर्फ से जमी सड़कों पर बहुत फिसलन है। ऐसे में सिर्फ अनुभवी वाहन चालकों के साथ ही विभाग की टीमें भेजी जा रही हैं। वाहनों के टायरों पर लोहे के चैन बांध कर सुनिश्चित किया जा रहा है कि रास्ते में कोई मुश्किल पेश न आए। पारा शून्य से दस डिग्री नीचे तक होने के कारण कोल्ड चैन बरकरार रख कर सुनिश्चित किया जा रहा है वैक्सीन जम न जाए। उन्होंने बताया कि वीरवार को लेह में हुई बैठक में टीमों को ऐसे इलाकों में भेजने की रणनीति बनाई गई है जो सड़कों से दूर हैं। कुछ दिनों में वैक्नीनेशन का दायरा बढ़ाकर 15 से 18 साल की वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।