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सरकारी डिपुओं पर राशन के साथ बांटा जा रहा कोरोना

रिहाड़ी में राशन डिपो चलाने वाले रोशन लाल बताते हैं कि जनवरी माह के कोटे का राशन लेने वाले उपभोक्ताओं की संख्या अभी तक काफी कम है। उनके पास अभी तक 50 फीसद उपभोक्ता भी राशन लेने नहीं आए क्योंकि हर कोई इस महामारी में शारीरिक संपर्क से कतराता है।

By Edited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 07:19 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 09:38 AM (IST)
सरकारी डिपुओं पर राशन के साथ बांटा जा रहा कोरोना
बायोमीट्रिक का रिकार्ड प्रदेश से लेकर केंद्र तक जाता है, इसलिए इसे बंद नहीं किया जा सकता।

जागरण संवाददाता, जम्मू : सरकार राशन डिपुओं पर राशन के साथ ही कोरोना संक्रमण भी बांटा जा रहा है। राशन डिपुओं पर बायोमीट्रिक सिस्टम से राशन देने की सुविधा होने की वजह से कोरोना संक्रमण को बढ़ावा मिल रहा है जबकि कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सरकारी विभागों में फिंगर बायोमीट्रिक हाजिरी को बंद करने का निर्देश दिया है, लेकिन खाद्य वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग ने फिंगर बायोमीट्रिक से राशन वितरण जारी रखा है। इससे न केवल उपभोक्ता खतरे में पड़ रहे हैं, बल्कि राशन वितरण करने वाले डीलर भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं।

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पिछले एक पखवाड़े में शहर व आसपास के इलाकों में कई राशन डीलर संक्रमित हो चुके हैं और कितने उपभोक्ता राशन डिपो से कोरोना लेकर अपने घर गए होंगे। इसका कुछ पता नहीं है। कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान भी राशन डिपुओं पर बायोमीट्रिक से राशन वितरण बंद करने की मांग जोरशोर से उठी थी, लेकिन विभाग ने इसे नजरअंदाज करते हुए प्रक्रिया जारी रखी। दूसरी लहर में जब मौत का तांडव शुरू हुआ तो उपभोक्ताओं ने सरकारी डिपुओं से राशन लेना ही बंद कर दिया।

अब एक बार फिर उपभोक्ता डिपुओं से राशन लेने से कतरा रहे हैं, क्योंकि वहां जाकर उन्हें पॉज मशीन पर अंगुलियों के निशान लगाने पड़ते हैं और इन पॉज मशीनों पर कितनों के हाथ लगे होंगे, इसका पता नहीं। रिहाड़ी में राशन डिपो चलाने वाले रोशन लाल बताते हैं कि जनवरी माह के कोटे का राशन लेने वाले उपभोक्ताओं की संख्या अभी तक काफी कम है। उनके पास अभी तक 50 फीसद उपभोक्ता भी राशन लेने नहीं आए, क्योंकि हर कोई इस महामारी में शारीरिक संपर्क से कतराता है।

वहीं जानीपुर में राशन डिपो चलाने वाले कीमती लाल कहते है कि डीलरों ने कई बार विभाग से बायोमीट्रिक सिस्टम बंद करने की अपील की है, लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा है। पिछले दो साल से कोरोना महामारी के बीच वह बायोमीट्रिक से ही राशन जारी कर रहे हैं। वहीं विभागीय अधिकारी इसमें कुछ भी कर पाने में खुद को असमर्थ बताते है। अधिकारियों के अनुसार, राशन की कालाबाजारी को रोकने के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम शुरू किया गया था, बायोमीट्रिक का रिकार्ड प्रदेश से लेकर केंद्र तक जाता है, इसलिए इसे बंद नहीं किया जा सकता।

  • -यह सरासर गलत है। जब सरकार ने सब जगह फिंगर बायोमीट्रिक सिस्टम बंद कर दिया है तो राशन वितरण में इसका इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है? यह तो लोगों की जान खतरे में डालने वाली बात है। विभाग को अपने डीलरों पर विश्वास करना चाहिए। कम से कम कोरोना काल में तो दूसरे विकल्प तलाशे जाने चाहिए जो किसी के लिए खतरा न बने। -दीपक अग्रवाल, समाजसेवी
  • -सरकार ने ¨फगर बायोमीट्रिक के स्थान पर सरकारी विभागों में फेस बायोमीट्रिक सुविधा शुरू की थी, ताकि बिना संपर्क कर्मचारियों की हाजिरी हो सके। इसी तरह राशन वितरण में भी उपभोक्ताओं के लिए फेस बायोमीट्रिक शुरू की जानी चाहिए। सभी उपभोक्ताओं के राशन कार्ड आधार ¨लक है। इस व्यवस्था को आसानी से लागू किया जा सकता है। इससे राशन चोरी की संभावनाएं भी खत्म होगी और बीमारी का खतरा भी नहीं रहेगा। -पराग अबरोल, व्यापारी

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