पाकिस्तान की शांति मे साजिश की बू
खून खराबा करने की कोशिश मे जुटा पाकिस्तान शांति की बात करे तो समझ लो कि कोई बड़ी साजिश चल रही है।
जम्मू, [विवेक सिंह]। खून खराबा करने की कोशिश मे जुटा पाकिस्तान शांति की बात करे तो समझ लो कि कोई बड़ी साजिश चल रही है। अभी दो दिन पहले जम्मू के आरएसपुरा सेक्टर में दोनों देशों में सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग मे पाक ने शांति के बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन दूसरी तरफ चोरी छिपे वह अपने नापाक मंसूबो सुरंग खोदने मे जुटा था।
ताकि भारत पाक के आग्रह पर हुई फ्लैग मीटिंग मे शांति के खुमार मे डूबा रहे। ऐसा कई बार पहले भी हुआ है कि फ्लैग मीटिंग के फौरन बाद पाकिस्तान ने कोई बड़ी साजिश न रची हो। जम्मू के सीमांत क्षेत्र मे पांच वर्षो मे सातवी सुरंग ध्वस्त हुई है।
सीमा सुरक्षा बल ने शुक्रवार को सेक्टर कमांडर की फ्लैग मीटिंग के साथ ही सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी थी। सुरंग वाले इलाके से पचास मीटर की दूरी पर जेसीबी, ट्रैक्टर से खोदाई की जा रही थी। अगले दिन बीएसएफ ने उस इलाके को तलाश लिया यहां सुरंग खोदी थी। अगर सुरंग पूरी खुद जाती तो पाक गोलाबारी की आड़ मे आतंकियों की घुसपैठ कराने मे कामयाब हो जाता।
सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीमा से घुसपैठ पर पूरी तरह से अंकुश है। ऐसे में आतंकवादियों के लिए दो रास्ते है, एक तो जमीन के अंदर से तो दूसरा आसमान से पैरा ड्रॉप करना जो सरल नहीं है। हम जमीन के अंदर की चुनौतियो से निपटने के लिए अभियान चलाते है। सितंबर मे उन्नीस दिन तक गोलीबारी करने के बाद अचानक शांत होकर पाकिस्तान ने यह संदेश दिया था कि सीमा प्रहरी अब थोड़ा सुस्ता ले। इसकी आड़ मे जमीन के अंदर घुसपैठ का रास्ता बना ले।
पाकिस्तान ने रणनीति बदल तीन दिन मे सीमा पर सुरंग बना घुसपैठ करवाने की तैयारी की थी। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को जिस दिन आरएसपुरा मे सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई, उसी दिन साथ लगते अरनिया की बीओपी मुकेश मे फैसिंग के पास से सुरंग की खोदाई शुरू हुई। इसे रविवार तक पूरा किया जाना था। पंद्रह मीटर सुरंग और खुदने पर पाक कामयाब हो जाता। सीमा सुरक्षा बल के आइजी राम अवतार ने दैनिक जागरण को बताया कि सीमा पर घुसपैठ को नकारने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे है। इसमे सुरंग विरोधी उपाय शामिल है। मिली कामयाबी ऐसे ही कदमो का नतीजा है।
पाकिस्तान की साजिशों को कामयाब नही होने दिया जाएगा। सीमा पर सुरक्षा ग्रिड को आधुनिक उपकरणो से निरतंर मजबूत किया जा रहा है। सीमा पर पाकिस्तान की साजिशों को नाकाम बनाने मे नई तकनीक भी कारगर साबित हो रही है। जम्मू संभाग मे 192 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नए एचडी कैमरे लगाए है तो एक किलोमीटर आगे तक दिन रात होने वाली किसी भी गतिविधि को कैद कर रहे है। फैंसिंग, हीट सेंसर, आधुनिक उपकरणो से हताश होकर दुश्मन घुसपैठ के लिए सुरंग जैसे नए विकल्प तलाश रहा है।
फ्लैग मीटिंग के बाद हमले की गहरी चाल
सीमा पर फ्लैग मीटिंग के फौरन बाद अपने असली रंग दिखा देने पाकिस्तान की पुरानी चाल है। वर्ष 2014 मे पाकिस्तान रेजर्स ने फ्लैग मीटिंग के फौरन बाद हमले कर उन सभी दावो को झुठला दिया था जो उसने सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए किए थे। वर्ष 2014 की पंद्रह जुलाई को पाकिस्तान ने सांबा के रामगढ़ मे फ्लैग मीटिंग की थी, इसके ठीक एक दिन बाद रेजर्स ने अरनिया मेएक सीमा प्रहरी को स्नाइपर फायर मे शहीद कर सीमा पर युद्ध जैसे हालात बना दिए थे। 28 अगस्त 2014 को अखनूर के परगवाल मे दोनो देशो के बीच कमांडेट स्तर की फ्लैग मीटिंग के सात घंटे के बाद क्षेत्र मे पाकिस्तान ने आतंकवादियो के बड़े दल की घुसपैठ करवाने के लिए गोलाबारी शुरू कर दी। इस कोशिश को नाकाम बनाने के बाद पाकिस्तान ने गोले बरसाकर क्षेत्र मे दहशत फैला दी। पाकिस्तान की फ्लैग मीटिंग को शक की नजर से देखना आम बात है।