प्रदेश में अपना जनाधार बढ़ाने में जुटी कांग्रेस
राज्य ब्यूरो, जम्मू : देश के तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मिली ज
राज्य ब्यूरो, जम्मू : देश के तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मिली जीत का असर राज्य की राजनीति पर भी पड़ेगा। पिछले दिनों पीडीपी को छोड़ कर कई नेताओं, जिनमें पूर्व मंत्री भी शामिल थे, ने नेशनल कांफ्रेंस का दामन थामा है, उससे पीडीपी में खलबली मची हुई है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पीडीपी के कुछ वरिष्ठ नेता कांग्रेस का भी रुख कर रहे हैं। वे कांग्रेस से संपर्क में हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से बैठक भी कर चुके हैं। पहले जो कांग्रेस में जाने से कतराते थे, उनकी अब राय बदल चुकी है। यह सब तीन राज्य के चुनाव नतीजों के बाद हुआ है। कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट नेता या जो सक्रिय नहीं या जो पार्टी छोड़ने का मन बना चुके थे, उन्होंने अब पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। उनका केंद्र राज्य के तीनों क्षेत्र जम्मू, कश्मीर और लद्दाख हैं। पार्टी किसी भी क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं कर रही है। पार्टी के प्रदेश प्रधान जीए मीर ने गत दिनों बैठकें कर स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस राज्य के तीनों क्षेत्रों को एकजुट रखने में विश्वास रखती है। नया साल में कांग्रेस के जिला और विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन, जनसभाएं और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए रणनीति तैयार हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता र¨वद्र शर्मा ने कहा कि पार्टी विधानसभा और संसदीय चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। कांग्रेस में पहले भी दूसरी पार्टियों के नेता शामिल हो चुके है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान जीए मीर ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विभिन्न सैलों, छात्र संगठनों, यूथ के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर आगामी विधानसभा और संसदीय चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित बैठक में पूर्व मंत्री मुलाराम, ताज मोहुउद्दीन, जहांगीर मीर, बलवान ¨सह, मनमोहन ¨सह, शाहनवाज चौधरी, असगर करबलाई, इंदु पवार, प्रो. गारू राम, उदय चिब, शिव कुमार शर्मा व अन्य नेता शामिल हुए। मीर ने कहा कि चुनाव नजदीक हैं। पार्टी के सभी सैल सक्रिय होकर कार्य करें। बूथ, ब्लॉक और जिलों में पार्टी की पकड़ को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने चुनावी वायदे पूरे करने में नाकाम रही है। यह कांग्रेस के लिए मौका है कि वे खुद को बेहतर साबित करे। बैठक में सभी नेताओं ने पार्टी प्रधान से अनुभव सांझे किए। बैठक में अगले महीने से कार्यक्रम, सम्मेलन करने का फैसला किया गया। इनमें कांग्रेस के निशाने पर भाजपा होगी।
चुनाव के बाद अन्य पार्टियों से गठबंधन के आसार
चुनाव से पहले तो कोई गठबंधन नहीं होगा लेकिन बाद में गठबंधन होने के पूरे आसार हैं। कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो पीडीपी से 2002 और नेकां से 2008 से गठबंधन कर चुकी है। आने वाले समय में कांग्रेस में इन पार्टियों के नेता शामिल हो सकते है।