अब पंजीकरण के बाद ही लगेंगी सामुदायिक कक्षाएं
प्रदेश प्रशासन ने भी अब इसमें दिलचस्पी ली है। इसीलिए शिक्षा विभाग ने अब सामुदायिक शिक्षा के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिग प्रोसीजर (एसओपी) जारी कर दी है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : कोरोना वायरस से उपजे हालात में प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में सामुदायिक शिक्षा एक बड़ी जरूरत बनकर उभरी है। जिन इलाकों ऑनलाइन शिक्षा की पहुंच आसान नहीं है, वहां पर सामुदायिक स्तर पर कक्षाओं ने शिक्षा को एक नई दिशा दी है। प्रदेश प्रशासन ने भी अब इसमें दिलचस्पी ली है। इसीलिए शिक्षा विभाग ने अब सामुदायिक शिक्षा के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिग प्रोसीजर (एसओपी) जारी कर दी है। इसके तहत सामुदायिक शिक्षा की कक्षाएं लगाने के लिए अध्यापकों को अपनी पंजीकरण कराना होगा।
महामारी का संक्रमण बढ़ने से स्कूल अभी बंद ही हैं। बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन कक्षाओं का इंतजाम किया। वहीं, कश्मीर में कुछ शिक्षकों ने निजी स्तर पर सामुदायिक स्तर पर शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। यह पहल बच्चों और अध्यापकों को भी पसंद आई। इसके लिए पूरे कश्मीर में सामुदायिक शिक्षा का चलन तेजी से बढ़ता गया। कश्मीर के कुपवाड़ा, बड़गाम, शोपियां, कुलगाम के दूरदराज इलाकों के बच्चों को अध्यापक सामुदायिक शिक्षा दे रहे हैं। इसके तहत कक्षाएं स्कूलों से दूर खुले में लगाई जाती हैं।
सामुदायिक शिक्षा की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून ने एसओपी जारी कर दी है। एसओपी के तहत जिम्मेदारियां तय कर दी गई है। अब सामुदायिक कक्षाएं स्कूल शिक्षा निदेशक कश्मीर व जम्मू, संबंधित जिले के डिप्टी कमिश्नरों, जोनल शिक्षा अधिकारियों की देखरेख में ही लगेंगी। हालांकि, सामुदायिक शिक्षा खुले में और शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए ही उपलब्ध करवाई जा रही थी, लेकिन अब अध्यापकों को इसके लिए पंजीकरण कराना होगा। बिना अनुमति के कक्षाएं नहीं ली जा सकती है।
एसओपी जारी होने बाद सामुदायिक शिक्षा को पूरे प्रदेश में समर्थन मिलने की संभावना बन गई है। अध्यापक भी सामने आने के लिए तैयार हैं। जम्मू संभाग के पुंछ और राजौरी में कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर इंटरनेट की सुविधा नहीं है वहां पर अध्यापक और अभिभावक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, जम्मू कश्मीर में ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है, लेकिन पिछले डेढ़ महीने से कश्मीर में सामुदायिक शिक्षा को काफी बढ़ावा मिला है। सामुदायिक शिक्षा का प्रचार प्रसार तेजी के साथ होने पर ही विभाग ने एसओपी जारी की है। जम्मू संभाग के इन जिलों में होगी प्रभावी
स्कूल शिक्षा निदेशक जम्मू अनुराधा गुप्ता ने कहा कि सामुदायिक शिक्षा को जम्मू संभाग के कठुआ, डोडा, पुंछ और राजौरी के दूरदराज इलाकों में बढ़ावा दिया जाएगा। एसओपी जारी होने के बाद स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो गई है।
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अध्यापक स्वेच्छा से सामुदायिक कक्षाएं ले रहे हैं। जिन क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वहां अध्यापक गरीब बच्चों की जरूरत पूरी कर रहे हैं। वहीं, कुछ अध्यापक ऐसे हैं जो प्रचार के लिए कक्षाएं ले रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
असगर सेमून, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग