रामबन सुरंग धंसने के कारणों की जांच करेगी विशेषज्ञों की समिति, आइआइटी दिल्ली के प्रो. जेटी साहु कर रहे अध्यक्षता
कमेटी भूस्खलन टनल धंसने के कारणों के बारे में पता लगाने के साथ दस दिन के अंदर सौंपेंगी और खामियों को दूर करने के लिए सुझाव भी देगी। यहां बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भी इस मामले की अपने स्तर पर जांच शुरू कर चुका है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खूनी नाले के पास निर्माणाधीन एडिट टनल धंसने से 10 लोगों की मौत के मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की समिति का गठन किया है। टीम ने जांच प्रक्रिया आरंभ भी कर दी है। तीन सदस्यीय समिति इस क्षेत्र में हादसों की रोकथाम के लिए सुझाव भी देगी।
भूतल परिवहन मंत्रालय की ओर से गठित इस कमेटी का नेतृत्व आइआइटी दिल्ली के प्रो. जेटी साहु कर रहे हैं। जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि यह हादसा मानवीय कारणों से हुआ या इसके लिए प्राकृतिक कारण जिम्मेदार थे। कमेटी भूस्खलन, टनल धंसने के कारणों के बारे में पता लगाने के साथ दस दिन के अंदर सौंपेंगी और खामियों को दूर करने के लिए सुझाव भी देगी। यहां बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भी इस मामले की अपने स्तर पर जांच शुरू कर चुका है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।
राष्ट्रीय राजमार्ग के रामबन-बनिहाल सेक्शन में डिगडोल व खूनी नाला क्षेत्र में भूस्खलन व पहाड़ से पत्थर गिरने के बड़े मामले होते हैं। इन इलाकों में पहाड़ों की अस्थिरता और निर्माण बड़ी चुनौती है। ऐेसे में रणनीतिक रूप से अहम जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूरा साल ट्रैफिक जारी रखने के लिए सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। डिगडोल से पंथयाल तक ट्वीन टयूब टनल सिगाल इंडिया कंपनी पटेल इंजीनियङ्क्षरग के साथ मिलकर बना रही है।
रामबन के जिला उपायुक्त मसर्रत इस्लाम ने कहा कि टीम के अभी रामबन पहुंचने की सूचना नहीं है। टीम को जांच में सभी सहयोग दिया जाएगा।
हादसे में 10 श्रमिकों ने गंवाई जान : बता दें कि 19 मई यानी वीरवार रात साढ़े दस बजे पहाड़ का एक हिस्सा निमार्णाधीन एडिट टनल पर गिरने से वह धंस गई थी। उस समय वहां काम कर रहे 12 श्रमिक मबले में दब गए थे। दो श्रमिकों को घायल अवस्था में बचा लिया गया। दूसरे दिन पहाड़ से और मलबा गिर गया, जिससे मलबे में दबे 10 लोगों को बचाने के अभियान में बाधाएं आ रही थी। इन हालात में शनिवार शाम को मलबे में दबे दस श्रमिकों के शव बरामद कर लिए गए।