सरहद की सुरक्षा में मुस्तैद सीमा सुरक्षा बल के जवानों को पूरी तरह से सतर्क रहने के आदेश
सीमा सुरक्षा बल के डीआइजी (डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) पीएस दमन ने अग्रिम सीमांत क्षेत्रों का दौरा कर सरहद की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया।
रामगढ़, जेएनएन। सीमा सुरक्षा बल के डीआइजी (डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) पीएस दमन ने अग्रिम सीमांत क्षेत्रों का दौरा कर सरहद की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अग्रिम सीमा चमलियाल के उस क्षेत्र का भी निरीक्षण किया, जहां पर पाक रेंजरों ने गोलीबारी कर भारतीय जवानों को निशाना बनाया था।
उन्होंने अग्रिम सीमा चौकी छन्नी फतवाल, एसएमपुर, नारायणपुर, चमलियाल के कंपनी कमांडर अधिकारियों के साथ भी सरहद की स्थिति पर चर्चा की। सरहद की सुरक्षा में मुस्तैद सीमा सुरक्षा बल के जवानों को पूरी तरह से सतर्क रहने के आदेश दिए।
उन्होंने कहा कि पाक रेंजरों की हर नापाक हरकत पर पूरी नजर रखी जाए। साथ ही समस्त सीमा नाकों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए। जिस तरह से सरहद के हालात बने हुए हैं, उससे यही लगता है कि पाक रेंजर्स कभी भी नापाक करतूतों को अंजाम देकर भारतीय सीमा सुरक्षा बलों को आघात पहुंचा सकते हैं।
ज्ञात रहे कि मंगलवार की देर रात अग्रिम सीमा के चमलियाल क्षेत्र में बीएसएफ की 62 बटालियन के गश्ती दल पर पाक रेंजरों द्वारा स्नाइपर व छोटे अत्याधुनिक हथियारों से की गई गोलीबारी में चार जवान शहीद व तीन गंभीर घायल हुए थे। शहीदों में डिप्टी कमांडेंट जितेंद्र के अलावा एसआइ रजनीश कुमार, एएसआइ राम विलास, कांस्टेबल हंस राज शामिल हैं।
वहीं, घायलों में एसआइ एन जेंटल, कांस्टेबल सुज्जन दास व कांस्टेबल विकास कुमार का अस्पतालों में इलाज जारी है। चमलियाल अग्रिम क्षेत्र में हुई इस नापाक घटना से समूचे सीमांत क्षेत्रों व सीमा पोस्टों नाकों व चौकियों पर हाई अलर्ट है। अग्रिम क्षेत्रों में जारी अलर्ट के चलते बीएसएफ व पुलिस अधिकारी भी सरहद की स्थिति पर अपनी पैनी नजर रखे हुए हैं।
चमलियाल मेले पर असमंजस
आगामी 28 जून को आयोजित होने वाले ऐतिहासिक बाबा चमलियाल वार्षिक मेले को लेकर जिला प्रशासन व दरगाह प्रबंधन असमंजस में हैं। सरहद पर तनाव के कारण आयोजन की कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। दरगाह प्रबंधन का मानना है कि अगर सरहद की मौजूदा स्थिति को दरकिनार कर जीरो लाइन पर मेले का आयोजन किया गया, तो कहीं पाक की नापाक करतूतें श्रद्धालुओं के लिए खतरा न बन जाए।
दरगाह प्रबंधन अध्यक्ष बिल्लू चौधरी के अनुसार वर्ष 1999 कारगिल युद्ध के दौरान भी चमलियाल वार्षिक मेले के आयोजन पर इसी तरह असमंजस था। सरहद के तनाव को देखते हुए प्रशासन व दरगाह प्रबंधन द्वारा चमलियाल मेला जीरो लाइन के बजाय गांव पंचायत दग-छन्नी में आयोजित करवाया गया था। वर्तमान समय में भी हालात उसी तरह के सामने आ रहे हैं।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन द्वारा मेले का आयोजन सुरक्षित जगह पर करवाने में ही समझदारी मानी जाएगी। दरगाह प्रबंधन पहले ही इस स्थिति पर विचार कर रहा है। जल्द ही दरगाह प्रबंधक कमेटी व गांव पंचायत के गणमान्य लोग मिलकर निर्णय लेंगे।
आयोजन को लेकर बातचीत जारी उधर, चमलियाल मेले के आयोजन को लेकर प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम विजयपुर संजीव कुमार का कहना है कि सरहद के तनाव का मेले पर असर कायम है। उन्होंने कहा कि डीसी सांबा आरएस तारा द्वारा भी प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा की जा रही हैं। अगर प्रशासन को उचित लगा तो मेला जीरो लाइन पर होगा। अगर स्थिति पर असमंजस रहा तो श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मेले का आयोजन कहीं सुरक्षित जगह पर ही किया जाएगा।