कोरोना पॉजिटिव छात्रा को भी घर से बुलाकर ली कलस्टर यूनिवर्सिटी जम्मू ने परीक्षा, साइंस कालेज में हड़कंप
उन्होंने सबसे पहले कालेज के प्रिंसिपल से संपर्क किया और बेटी की हालत बता उनसे गुहार लगाई कि या तो उनकी बेटी की आनलाइन परीक्षा ले लो या फिर उसकी परीक्षा उसके ठीक होने के बाद आफलाइन लें।
जम्मू, जागरण संवाददाता। कलस्टर यूनिवर्सिटी जम्मू की फाइनल इयर छात्रा के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी उसे परीक्षा केंद्र में बुलाकर परीक्षा ली गई। छात्रा जिस समय परीक्षा देने पहुंची, उस समय भी उसे बुखार था लेकिन कलस्टर यूनिवर्सिटी के अड़ियल रवैये के चलते उसे बीमारी की हालत में भी परीक्षा देनी पड़ी।
छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी को पिछले तीन दिनों से बुखार था और रविवार को उन्होंने बेटी की कोरोना जांच करवाई तो वह पाॅजिटिव निकली। इसके बाद उन्होंने सबसे पहले कालेज के प्रिंसिपल से संपर्क किया और बेटी की हालत बता उनसे गुहार लगाई कि या तो उनकी बेटी की आनलाइन परीक्षा ले लो या फिर उसकी परीक्षा उसके ठीक होने के बाद आफलाइन लें। बतौर पिता प्रिंसिपल ने इस मामले में उनकी कोई मदद न कर पाने का हवाला देते हुए उनसे कंट्रोलर से संपर्क करने को कहा।
बाद में उन्होंने कंट्रोलर से संपर्क किया तो उन्होंने साफ कह दिया कि उनकी बेटी खुद परीक्षा देने पहुंचे नहीं तो उसे पेपर से गैरहाजिर माना जाएगा।जो छात्रा कोरोना पॉजिटिव निकली थी, वह अपने घर में सबसे बड़ी है और उससे उसकी दो छाेटी बहनें हैं जिन्हें अभी वैक्सीन नहीं लगी है।वहीं छात्रा के पिता का कहना है कि बेटी के बीमार होने के बाद से ही उन्होंने उसे अलग रखा था यूनिवर्सिटी के न मानने के बाद वे बेटी को एंबुलेंस से लेकर कालेज पहुंचे थे क्योंकि सोमवार को उसका आखिरी पेपर था और वह नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी का भविष्य खराब हो।उनका कहना था कि पहले उन्हें आधा घंटा कालेज के बाहर ही रोके रखा। बाद में उनकी बेटी को लैब मेें बिठाकर उसकी परीक्षा ली गई।
वहीं कोरोना पॉजिटिव छात्रा के कालेज में पहुंच परीक्षा देने की बात का पता चलने पर वहां परीक्षा देने पहुंचे अन्य विद्यार्थियों में हड़कंप भी दिखा।उनका कहना था कि प्रशासन को ऐसे मामलों के सामने आने का पता था। इसके लिए पहले ही कोई प्रबंध किया जाना चाहिए था। कालेज प्रबंधन को चाहिए था कि छात्रा का आनलाइन पेपर ले लेते या उसके ठीक होने का इंतजार किया जाता।उधर साइंस कालेज के प्रिंसिपल रविंद्र टिक्कू का कहना है कि परीक्षा लेने न लेने का फैसला कंट्रोलर आफ एग्जामिनेशन का रहता है।कालेज में छात्रा को अलग से बिठाकर परीक्षा ली गई है। वहां कोविड के पूरे नियमों का पालन किया गया ताकि किसी दूसरे को कोई खतरा न हो।